शाहजहांपुर. मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे शाहजहांपुर वासियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है. शाहजहांपुर से होकर गुजरने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की तैयारी अब तेज हो गई है. भूमि अधिग्रहण के बाद एक्सप्रेस वे के इंजीनियर और कर्मचारी पिलर लगाकर समतलीकरण का काम कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन किसानों को उनकी जमीनों का मुआवज़ा देकर उन्हें संतुष्ट करने में जुटे हैं. गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से इस इलाके में लोगों ने खुशी जाहिर की है.
आपको बता दें 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहजहांपुर आकर गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण का उद्घाटन किया था. इसके बाद इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भेज रेट से प्रयागराज तक लगातार किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर काम शुरू कर दी गई. तब से जिले में निर्माण के लिए यूपीडा द्वारा चयनित एजेंसी ने मिट्टी जांच की कार्रवाई शुरू कर दी थी.
मिट्टी की जांच होने के बाद शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे बनाने वाले इंजीनियर और कर्मचारी ने सड़कों पर सीमांकन कर पिलर लगाने शुरू कर दिए हैं. इसके साथ ही मिट्टी समतलीकरण का काम भी शुरू हो गया है. डीएम और एसपी मौके पर जाकर इसका जायजा भी ले चुके हैं. डीएम उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि सभी किसानों को उनकी अधिग्रहित जमीनों का मुआवज़ा दिया जा चुका है.
इस एक्सप्रेस-वे पर स्थानीय लोगों के लिए अलग से सर्विस लेन बनाया जाएगा. क्षेत्र के ग्रामीणों में भी इसको लेकर काफी खुशी देखी जा रही है. इससे तहसील क्षेत्र ही नहीं जिले के लोगों का सफर आसान होगा. लोगों को उम्मीद है कि इस एक्सप्रेस-वे से इलाके के विकास को पंख लगेंगे, जहां नए उद्योग स्थापित होंगे. इसके साथ ही पेट्रोल पंप, होटल और शोरूम जैसे व्यवसाय स्थापित होंगे.
स्थानीय लोग बताते हैं कि गंगा एक्सप्रेसवे पूरे प्रदेश के लिए विकास की गंगा बहाने के साथ यह लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. वही कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि इस हाईवे पर वाहनों की लैंडिंग भी कराई जाएगी, जिससे इस क्षेत्र में विकास की ऊंचाई और भी देखने को मिलेगी.
दरअसल मेरठ से प्रयागराज तक का यह वह रास्ता है, जहां गंगा बेसिन से होकर यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा. कृषि अर्थव्यवस्था की समृद्ध विरासत वाले इस क्षेत्र के मैदानी इलाकों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भी लाभ मिलेगा. एक्सप्रेसवे परियोजना क्षेत्र के औद्योगीकरण के विस्तार के लिए सही रीढ़ प्रदान करेगी. इन जिलों में औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन के क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा.