मुजफ्फरनगर. संस्था महिला काव्य मंच की इकाई ने जैन मंदिर वहलना में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। संस्था की अध्यक्ष प्रतिभा त्रिपाठी ने कहा कि काव्य गोष्ठी महिला दिवस को समर्पित रहा।
शुभारंभ सुशीला शर्मा की सरस्वती वंदना से हुआ। प्रतिभा त्रिपाठी ने गजल कुछ इस तरह पेश की। दिल बगावत कर रहा है प्यार से, रंज धोता आंसुओं की धार से रोज करता है गिले शिकवे यहां और बचता बेबसी की मार से। सुमन प्रभा ने सुनाया अत्यंत वर्जनाओं के बाद भी संभली हुई पतवार हूं मैं। जो मेरा था, तुमने नही दिया, मांगती वो अधिकार हूं। इंदु राठी ने पढ़ा कि छोड़कर के जमाने के रस्मो रिवाज… आज मैं इश्क का गलियारा लिखूंगी। तेरी आंखों में सारा जहां था समाया, इश्क का सफर मैं सारा का सारा लिखूंगी।
सुशीला शर्मा ने सुनाया कि हमारा तन-मन रंग डाला, बड़ा हठीला श्याम सांवरा गोकुल का ग्वाला। इस मौके पर कमला शर्मा ने होली गीत सुनाया। आज रंग होली के बरसे है उल्लास, धरा यूं बरस रही भीग रहा आकाश। सुनीता सोलंकी ने पढ़ा कि उफ ये सफेद रंग, जरा से दाग लगने पर कितना शोर करता है। सपना अग्रवाल ने कहा कि सत्य ही शिव है ये जान मन मेरा शिवालय हुआ, बाहर काहे शिव को ढूंढूं मैं मन मेरा कैलाश हुआ।