हरिद्वार: पथरी क्षेत्र में लूट की सूचना से पुलिस में हड़कंप मच गया। पुलिस ने चंद घंटे में चार युवकों को ढूंढ निकाला। लेकिन पड़ताल में लूट के बजाय अलग कहानी निकलकर सामने आई। तब पुलिस ने लूट की झूठी सूचना देने वाले युवक व उसकी बुआ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर शाम एक कार में चार युवक गांव में फेरी लगाकर कपड़ा बेच रहे थे। तभी सहदेवपुर निवासी निखिल व उसकी बुआ रजनी देवी ने उनसे चार पेंट का कपड़ा खरीदा। युवकों के जाने के कुछ देर बाद ही चेक करने पर पेंट का कपड़ा हल्का दिखाई दिया। जिस पर निखिल ने बाइक से उनका पीछा किया। गांव से बाहर कुछ दूरी पर ही उसे कपड़ा बेच रहे युवकों की कार जाती दिखाई दी। उसने पीछा किया, लेकिन वह हाथ नहीं आए। इस पर निखिल ने कंट्रोल रूम में लूट की सूचना दे दी। उनसे बताया कि बदमाशों ने उसकी बुआ से सोने के लाकेट व 45 हजार रुपये की नकदी लूटी है। पुलिस ने निखिल से जानकारी जुटाई तो उसने बताया कि वह अपनी बुआ को बाइक पर घर ले जा रहा था। तभी चार युवकों ने रोक लिया। उन्होंने जेब से 45 हजार रुपये की नकदी व बुआ के गले मे पड़ा सोने का लाकेट लूटा है। पुलिस ने तत्काल लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया।
एसओ पथरी रविद्र कुमार ने कपड़ा बेचने वाले सुहेल निवासी श्यामनगर मेरठ, आरिफ, आलम व साहिल निवासीगण चरथावल मुजफ्फरनगर को ढूंढ निकाला। पूछताछ में उन्होंने लूट से इन्कार करते हुए कपड़ा बेचने की जानकारी दी। तब पुलिस क्रास चेक करने के लिए निखिल के घर पहुंची तो पेंट का कपड़ा भी बरामद हो गया। जिस पर पूरी कहानी समझ आ गई। पुलिस ने बुआ-भतीजे को कड़ी फटकार लगाई। एसओ पथरी रविन्द्र कुमार ने बताया कि लूट की झूठी सूचना देने पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जबकि कपड़ा बेच रहे चारों युवकों को पूछताछ व सत्यापन के बाद छोड़ दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार रात एक एसएसआई सहित पांच दारोगाओं के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया है। पुलिस कार्यालय में तैनात उपनिरीक्षक मनोज सिरौला को रानीपुर कोतवाली, मंगलौर कस्बा चौकी प्रभारी मनोज कुमार को कोतवाली मंगलौर, यहां से मनोज गैरोला को कस्बा चौकी प्रभारी बनाया गया है। पुलिस लाइन में तैनात केदार सिंह चौहान को रुड़की सिविल लाइंस कोतवाली में एसएसआई की जिम्मेदाीर दी गई है। यहां से एसएसआई दीप कुमार को लक्सर कोतवाली भेजा गया है।