नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता कहा गया है क्योंकि शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं. इसके साथ ही शनि सबसे धीमी चाल चलते हैं. शनि ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं इसलिए किसी राशि में दोबारा पहुंचने में शनिवदे को तीस साल लग जाते हैं. इस समय शनि कुंभ राशि में हैं. शनि 30 साल बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि में हैं और 29 मार्च 2025 तक रहेंगे.
इस दौरान तीन राशियों पर शनि की साढ़े साती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या चलेगी. इन जातकों को मार्च 2025 तक कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए इन जातकों को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है. ये तीन राशि हैं कुंभ, मकर और मीन. इन जातकों को 2025 तक संभलकर रहने की जरूरत है.
शनि गोचर जीवन में बड़ा बदलाव लाता है क्योंकि इससे कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या शुरू हो जाती है तो कुछ पर खत्म हो जाती है. कहा भी गया है कि शनि की साढ़े साती जिस राशि पर पड़ती है उसके लिए मुश्किलों का दौर शुरू हो जाता है. इस समय 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती चल रही है जो 2025 तक चलेगी.
कुंभ राशि: शनि की कुंभ राशि में मौजूदगी से इस राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है. ज्योतिष में साढ़े साती का दूसरा चरण मुश्किल होता है. इन जातकों को 2025 तक कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियां झेलनी होती हैं. पारिवारिक जीवन में भी परेशानियां आ जाती हैं. कुंभ राशि के लोग इन दिनों गुस्से से बचें, वरना आपको बड़ा नुकसान हो सकता है.
मकर राशि: मकर राशि पर 2025 शनि की साढ़े साती का आखिरी चरण रहेगा. बता दें कि तीन चरण होते हैं. शास्त्र में कहा गया है कि साढ़े साती का तीसरा चरण कम कष्ट देता है. लेकिन इस दौरान मकर राशि के लोगों को लेन-देन में सतर्कता बरतना जरूरी है. सेहत से जुड़े कई इश्यू हो सकते हैं.
मीन राशि: साल 2025 तक मीन राशि पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण रहेगा. इन राशि के लोगों के खर्चे काफी बढ़ जाएंगे. यह समय इन जातकों के खर्चे बढ़ाएगा. आर्थिक समस्याएं दे सकता है. लाइफ पार्टनर से रिश्ते बिगाड़ेगा. बेहतर होगा कि जीवनसाथी को पूरा समय दें.
शनि की साढ़े साती के दौरान कुछ उपाय करना शनि देव को खुश करता है. इसके साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि वो काम करें जो शनि को प्रिय हों. जैसे गरीबों को दान करना. कुत्ते और पक्षियों को भोजन देना आदि. ऐसा करने से शनि की साढ़े साती का असर कम होता है. इसके अलावा शनिवार के दिन भी कुछ उपाय भी कर सकते हैं.
हर शनिवार को शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनिवार के दिन लोहे का सामान,सरसों का तेल, जूते-चप्पल, काले वस्त्र, काली उड़द की दाल आदि का दान करें. शनिदेव को खुश करने के लिए मछलियों को आटा खिलाएं. इससे कुंडली में शनि दोष दूर होता है.