लखनऊ। रमजान के पहले जुमे पर नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की आशंका में प्रदेश के संवेदनशील स्थानों व मस्जिदों के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं और डीजीपी मुख्यालय के स्तर से निगरानी की जा रही है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारी लीगल टीम पूरे मसौदे का अध्ययन कर रही है। जिसके बाद महत्वपूर्ण बातें सामने रखी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लगातार भरोसा दिलाया है कि इस कानून से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि जुमे के दिन मस्जिदों में नमाज अता करें और किसी भी तरह का प्रदर्शन न करें। शांति बनाए रखें। वहीं, डीसीपी पश्चिम दुर्गेश कुमार ने बताया कि चौक, ठाकुरगंज, बाजारखाला, सआदतगंज और वजीरगंज में रूट मार्च किया गया है। संभ्रांत लोगों और धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई है।
सीएए को लेकर 2019 में सर्वाधिक लखनऊ में ही विरोध हुआ था जिसके बाद शहर की मस्जिदों के बाहर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। वहीं, घंटा घर की कंटीले तारों से बैरीकेडिंग कर दी गई। 2019 में घंटाघर पर सीएए के खिलाफ कई हफ्तों तक प्रदर्शन हुए थे और यह स्थान सीएए विरोधी आंदोलन का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा था।
लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा घूमने आए लोगों को तीन बजे तक बाहर इंतजार करना पड़ा। शहर के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। पुराने लखनऊ में बीएसएफ के जवान तैनात किए गए। सुरक्षा के लिए पुलिस व बीएसएफ दोनों के ही जवान मौजूद थे।