मुजफ्फरनगर। रविवार रात एसएसपी आवास और एसडी इंटर काॅलेज के गेट के सामने डीसीएम में शिक्षक धर्मेंद्र की उनकी टीम में शामिल हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने कारबाइन से गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। यह सूचना पुलिस ने शिक्षक के ग्राम प्रधान के माध्यम से परिजनों तक पहुंचाई थी। शिक्षक के भाई जितेंद्र अपने जीजा बनारस निवासी अनिल चौधरी, परिचित वाराणसी निवासी शिव कुमार व गाजीपुर निवासी रवि प्रताप के साथ सोमवार रात लगभग आठ बजे सिविल लाइन थाने पहुंचे थे। वहां उनसे डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी व एसएसपी अभिषेक सिंह ने बात की। लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई।
जितेंद्र ने थाना सिविल लाइन पुलिस को तहरीर देकर बताया कि डीसीएम में हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश कर्मचारियों से तंबाकू मांगते हुए किसी को आराम नहीं करने दे रहा था। धर्मेंद्र ने विरोध जताया तो उनको जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर गाली दी गई। धर्मेंद्र ने शिक्षक साथी संतोष को फोन किया और उन्हें व दरोगा नागेंद्र चौहान को आने के लिए कहा तभी हेड कांस्टेबल ने गोली मार कर धर्मेंद्र की हत्या कर दी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट व हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने आरोपी हेड कांस्टेबल को कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
घटना के दौरान हेड कांस्टेबल नशे में था। पुलिस उसे पकड़ कर सिविल लाइन थाने में ले आई थी। सूत्र बताते हैं कि मेडिकल में उसके नशे में होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद वह सोमवार शाम तक बेसुध होकर हवालात में पड़ा रहा था। मंगलवार सुबह उसका चालान किया गया। शिक्षक के परिजन सोमवार को देर शाम तक पहुंचे थे। उन्होंने अपने आने से पहले शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार किया था। यही कारण रहा कि उनके आने पर यह कार्रवाई हुई। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी के आदेश पर कृत्रिम प्रकाश में शव का दो डाॅक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। रात में यह कार्रवाई पूरी होने के बाद मंगलवार अलसुबह परिजन शव को लेकर चले गए।