शामली. बेसिक शिक्षा विभाग में पिछले 10 सालों से एक ही पटल पर तैनात लिपिकों के खिलाफ शिक्षक संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। जिले के पांचों बीआरसी और बीएसए कार्यालय में हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। आदेशों के बावजूद कई-कई सालों से लिपिकों का तबादला नहीं किया जा रहा है। शिक्षक संगठन ने सालों से जमे लिपिकों पर भष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की। वहीं, इस संबंध में बीएसए ने कहा कि जल्द ही लिपिकों के तबादले किए जाएंगे।
मंगलवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पवन जावला की ओर से बीएसए राहुल मिश्रा को ज्ञापन दिया। बताया कि बीएसए एवं खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पिछले पांच वर्षों से भी अधिक समय से एक ही पटल पर कार्यरत लिपिकों का तबादला नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से लिपिकों के पटल परिवर्तन न होने से अधिकांश लिपिकों की भ्रष्ट कार्यशैली के चलते शिक्षकों का उत्पीड़न हो रहा है। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने बीएसए से कहा कि मठाधीश लिपिक शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
उन्होंने सभी कार्यालयों से लिपिकों के तबादले करने की मांग की। बता दें कि हाईकोर्ट और विभाग के आला अफसर भी स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं कि किसी भी दशा में शिक्षकों का संबद्धीकरण नहीं होगा। इसके बावजूद बीएसए कार्यालय में मनमानी जारी है। इस संबंध में आला अधिकारियों से शिकायत और उनके निर्देश आने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिक्षकों के अनुसार बीएसए ने उन्हें जल्द समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस दौरान नितिन पंवार, पवन जावला मौजूद रहे।
जिले के कई शिक्षक संगठनों ने पूर्व बीएसए गीता वर्मा को भी ज्ञापन देकर लिपिकों के तबादले की मांग की थी, लेकिन बीएसए ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिक्षकों का आरोप है कि कुछ लिपिक पूरी तरह मनमानी पर उतारू होकर भष्ट्राचार कर रहे हैं।