नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच की खींचतान से बिहार में एक अलग सियासी लकीर खींचती नजर आ रही है. तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के गठबंधन में दरार की खबरों के बीच इस जोड़ी के टूटने की संभावनाओं को आंच मिली है. ये आंच किसी दूसरे दल से नहीं बल्कि इन्हीं दोनों दलों के नेता दे रहे हैं. दरअसल, नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक माने जाने वाले जेडीयू संसदीय बोर्ड के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा के बयान से बिहार की राजनीति में बवाल मच सकता है.
उन्होंने कहा कि आरजेडी नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के साथ-साथ विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ पार्टी द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से उन कयासों को मजबूती मिल सकती है कि लालू यादव की पार्टी ने बीजेपी के साथ डील कर ली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सुधाकर सिंह की विवादित बातों और ‘रामचरितमानस’ के बारे में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की विवादित बातों के सवाल पर जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने ये बात कही है.
उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी खुद कह चुके हैं कि सुधाकर सिंह का बर्ताव बीजेपी के लिए मददगार साबित होगा. चंद्रशेखर ने राजनीति के विमर्श को रामचरितमानस पर बयान देकर उसके इर्द-गिर्द केंद्रित कर दिया है. अगर ये विवाद जारी रहा तो इसमें कोई दोराय नहीं कि इससे बीजेपी को लाभ होगा.’
कुशवाहा ने कहा, ‘सुधाकर सिंह और चंद्रशेखर के खिलाफ पार्टी की तरफ से कार्रवाई के लिए ये उचित समय है. इन दोनों नेताओं ने बिहार में आरजेडी-जेडीयू के गठबंधन को शर्मसार किया है. अगर तेजस्वी अपने इन नेताओँ पर लगाम नहीं लगाते हैं जो बीजेपी की मदद कर रहे हैं तो वो आरोप सही होंगे, जिसमें ये कहा जा रहा है कि उन्होंने बीजेपी के साथ सीक्रेट डील कर ली है.’
इस पूरे मामले पर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने नाराजगी जताई और कहा, ‘जो लोग बीजेपी के साथ समझौता का आरोप लगाते हैं, उन्हें आईना देखना चाहिए.’