शामली. दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित भूमि का मुआवजा एक समान दिए जाने की मांग को लेकर बुटराड़ा जंक्शन पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने की बागडोर महिलाओं ने संभाली। इस दौरान महिला वक्ताओं ने आह्वान करते हुए कहा कि सभी चौका-बर्तन छोड़कर आंदोलन में साथ दें। उसके बाद सरकार को झुकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
रविवार को दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का मुआवजा ‘एक प्रोजेक्ट एक मुआवजे’ की मांग को लेकर चल रहा बेमियादी धरना 25 वें दिन भी जा रहा। रविवार को बेमियादी धरने की पूरी कमान महिलाओं के हाथ में रही। सुबह से क्षेत्र की महिलाएं धरनास्थल पर पहुंचनी प्रारंभ हो गई थी। धरनास्थल पर सभा की अध्यक्षता धर्मवती ने और संचालन सपना रानी ने किया। इस दौरान महिलाओं वक्ताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे किसान पिछले 25 दिनों से यहां पर बैठे हुए हैं लेकिन शासन-प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है। अब महिलाओं की भागीदारी भी इस आंदोलन में बराबर की होगी। अगर किसान कहेंगे तो महिलाएं भूख हड़ताल या रोड जाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगी और अगर प्रशासन जिद पर अड़ा रहा तो 24 अगस्त की महापंचायत के बाद महिलाओं को चौका-बर्तन छोड़कर घरों से निकल कर सड़कों पर आना पड़ेगा।
धरने को मुख्य रूप से जिला पंचायत सदस्य उमेश कुमार की पत्नी प्रेरणा मलिक, मुनेश देवी, सुमन देवी ग्राम प्रधान चूनसा,, ओमवती, सीमा, दीपमाला, राजवीरी आदि ने संबोधित किया। दूसरी ओर, 24 अगस्त की महापंचायत के लिए किसानों ने अलग-अलग टीमें बनाकर कई गांव का दौरा किया। साथ ही, बड़ी संख्या में महापंचायत में पहुंचने का आह्वान किया।