नई दिल्ली। चीन (China) को कड़ी टक्कर मिलने वाली है और इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा मोदी सरकार का पीएम गति शक्ति प्लान इससे चीन से बाहर निकलने की फिराक में बैठी बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारत में अपने प्रोजेक्ट के लिए अप्रूवल पाने में लेट-लतीफी का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे आसानी से देश में कारोबार शुरू कर सकेंगीं. एक्सपर्ट का मानना है कि ये प्लान चीन से बाहर निकलने को तैयार कंपनियों को भारत में अपना कारोबार जमाने में मदद करेगा.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 1.2 खरब डॉलर (100 लाख करोड़ रुपये) का मेगा प्लान पीएम गति शक्ति (PM Gati Shakti) बेहद कारगर साबित होने वाला है. एक्सपर्ट के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के इस प्लान से चीन में जो फैक्ट्रियां और कारखाने चल रहे हैं, वे अपना रुख भारत की ओर मोड़ देंगे. इससे चीन को कड़ी टक्कर मिलेगी.
गौरतलब है कि चीन अपने यहां जब से लागू करने पर जोर दे रहा है और इससे वहां मौजूद विदेशी कंपनियां चीन के बाहरी देशों पर अपना ठिकाना तलाश कर रही हैं. विदेशी कंपनियों के भारत में आने से इंडियन इकोनॉमी को भी और मजबूती मिलेगी.
चीन से बाहर निकलने को बेकरार ऐसी ज्यादातर कंपनियों को कारोबार के लिहाज से अपने लिए सबसे उपयुक्त ठिकाना भारत (India) नजर आ रहा है. ऐसे में अगर उन्हें अपना बिजनेस चीन से निकालकर भारत में स्थापित करने में सहूलियत मिलेगी, तो वे देरी नहीं करेंगीं. विशेषज्ञों ने कहा कि यही सहूलियत देने का काम सरकार का पीएम गति शक्ति प्लान करेगा.
फिलहाल, भारत में करीब आधे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट देरी से चल रहे हैं और हर 4 में से एक अनुमान से ज्यादा खर्चीला साबित हो रहा है. इस लेट-लतीफी को दूर कर प्रोजेक्ट्स में गति लाने के उद्देश्य से ही मोदी सरकार ने इस प्लान को तैयार किया है. एक्सपर्ट की मानें तो इस प्लान से सिर्फ चालू प्रोजेक्टस में तेजी ही नहीं आएगी, बल्कि कई मोर्चों पर सफलता मिलेगी.
‘PM Gati Shakti’ प्लान को आसान शब्दों में समझें तो इसके तहत सरकार एक डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) तैयार कर रही है, जो कि एक साथ 16 मंत्रालयों से जुड़ी होगी. यह इन अलग-अलग मंत्रालयों के लिए एक कॉमन प्लेटफार्म होगा और इस एक ही पोर्टल के जरिए कंपनियां और निवेशक एक साथ अपना काम कर सकेंगे.
यह पोर्टल कंपनी और निवेशकों को वन स्टॉप सॉल्यूशन (One Stop Solution) देगा, यानी इसी पर प्रोजेक्ट का डिजाइन अप्रूव्ड होगा, यही से उसे अप्रूवल मिलेगा और लागत की जानकारी भी यहीं मिल जाएगी. यानी इन्वेस्टर्स और कंपनियों के लिए अपने प्रोजेक्ट को लेकर अलग-अलग विभागों के चक्कर काटने का झंझट खत्म होगा. इससे जहां एक ओर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में समय की बचत होगी, तो दूसरी ओर संसाधनों की बर्बादी कम करने में मदद मिलेगी.
इस तरह से देखा जाए तो पीएम मोदी (PM Modi) का ये प्लान चीन से बाहर निकलने को तैयार कंपनियों को बिना लेट-लतीफी के देश में अपना कारोबार आसानी से जमाने का मौका देने वाला है. भारत में संभावानाएं देख रहीं विदेशी कंपनियों इस प्लान के जरिए बिना देरी के प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिलेगा. इसके अलावा कंपनियों को सस्ता और टैलेंटेड मैनपावर भी मिल सकेगा.
Commerce And Industry Ministry में लॉजिस्टिक्स के विशेष सचिव अमृत लाल मीणा का कहना है कि इस मिशन का उद्देश्य बिना अधिक समय लगाए और बिना लागत में वृद्धि के परियोजनाओं को लागू करना है. रिपोर्ट में केर्नी इंडिया के पार्टनर अंशुमान सिन्हा ने इस प्लान के बारे में कहा कि चीन को कड़ी टक्कर देने का यह एकमात्र और बढ़िया तरीका है.