मुरादाबाद। लोकसभा सीट से दिग्गजों की दावेदारी से प्रत्याशी की घोषणा में पेंच फंस गया है। यहां से पूर्व सांसद, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई ने दावेदारी पेश की है। ऐसे में उम्मीदवार के चयन में भाजपा संसदीय बोर्ड का मंथन जारी है। टिकट के दावेदार लखनऊ से दिल्ली तक डेरा डाले हुए हैं। भाजपा के नेता मुरादाबाद सीट के लिए कौन सी चाल चलेंगे। इसको लेकर पार्टी के लोग अटकलें लगा रहे हैं। पार्टी के कुछ लोगों का मानना है कि मुरादाबाद सीट पर भाजपा महिला प्रत्याशी को उतारेगी। पुराने चेहरों को लेकर यहां संशय बरकरार है।
भाजपा नए चेहरों को लाकर चौंका सकती है। इसी कारण दावेदारों से अधिक उनके समर्थक परेशान हैं। भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में मंडल की छह सीटें हार गई थी। सिर्फ उप चुनाव में रामपुर संसदीय सीट पर कब्जा जमाने में भाजपा की रणनीति सफल रही। इसी कारण भाजपा 2024 के चुनाव में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। पार्टी 2014 के सफलता फिर दोहराने के लिए मैदान में उतर रही है। पिछले चुनाव में सपा, बसपा और रालोद एक साल मिलकर चुनाव लड़े थे। इस बार बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है।
सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो गया है। बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा सियासत की ऐसी बिसात बिछाना चाहती है कि उनकी काट किसी के पास न हो। फिलहाल मुरादाबाद सीट से प्रत्याशी के चयन में देरी से दावेदारों धड़कनें बढ़ गई है। मुरादाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के दावेदार पूर्व सांसद सर्वेश सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम, डॉ. विजय सिंह चौहान।
पिछड़ों को साधने के लिए भाजपा कोई दांव नहीं छोड़ना चाहती है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा पिछड़ों को साधने के लिए पहले ही चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश की कमान सौंप दी है। पार्टी ने मुरादाबाद के चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वहीं चुनाव से पहले यादव मतों को साधने के लिए सुभाष यदुवंश को प्रदेश महासचिव के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है। इसके अलावा लोकसभा प्रभारी अशोक पाल, जिला और महानगर प्रभारी राजेश यादव बनाया गया है।