मेरठ. मेरठ की बहू सीमा पूनिया का चक्का इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक से चूक गया। पहली बार है जब सीमा को कॉमनवेल्थ गेम्स से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। बुधवार को बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए डिस्कस थ्रो के मुकाबलों में सीमा बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर सकीं और पदक से हाथ धोना पड़ा। सीमा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 55.92 मीटर रहा।
अपने प्रदर्शन से जनता को चौंकाने में सफल नहीं हो पाई सीमा
नाइजीरिया की चियोमा ओनयेकवेयर ने 61.70 मीटर थ्रो कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इंग्लैंड की जेड लैली ने 58.42 मी. थ्रो कर सिल्वर जीता। नाइजीरिया की ही ओबियागेरी अमाइची ने 56.99 मीटर का थ्रो कर ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। सीमा मुकाबले में पांचवें स्थान पर रहीं।
पहली बार कॉमनवेल्थ में खाली हाथ सीमा
सीमा पूनिया कॉमनवेल्थ गेम्स से खाली हाथ लौटेंगी। ऐसा पहली बार है कि वह इन खेलों में पदक नहीं लाई। सीमा इससे पहले मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स 2006, ग्लास्गो 2014 और गोल्ड कोस्ट 2018 में रजत पदक जीत चुकी हैं। दिल्ली में 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में सीमा ने कांस्य पदक अपने नाम किया था। सीमा पूनिया इस स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहीं। सीमा ने अपने दूसरे प्रयास में चक्के को 55.92 मीटर तक डिस्कस थ्रो किया जो उनका बेस्ट रहा।
परिवार में खेल का माहौल
सीमा पूनिया का जन्म सोनीपत में हुआ था। सीमा के भाई आनंदपाल सिंह कुश्ती, अमितपाल सिंह हॉकी खिलाड़ी हैं। परिवार में खेलों का माहौल शुरू से था। खेलों के इसी माहौल के बीच सीमा ने डिस्कस थ्रो करना शुरू किया। सीमा कहती हैं जिंदगी उतनी खूबसूरत नहीं होती जितनी हमें बाहर से दिखती है। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है।
सीमा कहती हैं गेम्स की तैयारी में डाइट, रुटीन पर काफी खर्च होता था, लेकिन मेरे पास उतने पैसे नहीं थे। तब कर्ज लेकर अपने लिए 10 हजार रुपए के जूते लिए थे। खेली तो 50 हजार रुपए का इनाम मिला उस कैश प्राइज से वो कर्ज चुकाया था। सीमा अंतिल पिछले कुछ समय से पति अंकुश पूनिया से विवाद के कारण सुर्खियों में रही हैं। 5 सालों से सीमा उनके पति का विवाद चल रहा था।
पिछले मई में सीमा अपने पति से अलग हुई थीं। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने अपने नाम के आगे से पूनिया हटाकर अंतिल जोड़ लिया था। पति अंकुश मेरठ मोदीपुरम में स्पोर्ट्स एकेडमी चलाते हैं। अंकुश नेशनल लेवल के डिस्कस थ्रोअर रहे हैं। अभ्यास के दौरान ही सीमा-अंकुश की मुलाकात हुई, दोस्ती हुई और दोनों ने शादी कर ली।
शादी के बाद अंकुश ने खेलना छोड़ दिया और मेरठ में अपनी एकेडमी खोल ली। साथ ही अंकुश सीमा के कोच बनकर उन्हें गाइड भी करने लगे। सीमा जब भी मैच के लिए बाहर जाती अंकुश हमेशा साथ होते। सीमा की जीत के लिए प्रार्थना करते एक बार वो उनकी जीत के लिए कांवड़ भी लाए थे।
2004, 2012, 2016 में ओलिंपिक खेल में ली थी हिस्सा
2004 एथेंस ओलिंपिक में भी खेली सीमा।
2006 राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक।
2010 राष्टमंडल खेल दिल्ली में कांस्य पदक।
2010 में हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर बनी।
2012 के लंदन ओलंपिक में 61.91 का थ्रो करते हुए 13वें स्थान रहीं।
2014 राष्टमंडल खेल में रजत पदक जीता।
2014 में एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद सीमा को 50 लाख रुपए का इनाम मिला था।
2016 रियो ओलिंपिक में भी लिया भाग।
2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता।
2018 गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक।