लखनऊ। प्रदेश में मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 31 मार्च 2023 तक का बकाया बिल जमा करना होगा। वहीं, जिन किसानों का बकाया है, उनके लिए एकमुश्त समाधान योजना लाई गई है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने पावर कॉर्पोरेशन को दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके बाद पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने सभी विद्युत वितरण निगमों को आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक जिन किसानों का 31 मार्च 2023 तक का बिल जमा है, वे एक अप्रैल 2023 से मुफ्त बिजली योजना का लाभ ले सकते हैं। उनके खाते शून्य कर दिए गए हैं। ऐसे किसानों को 31 मार्च 2023 तक जीरो बिल करने पर किसानों को 140 यूनिट प्रति किलोवाट तक छूट मिलेगी।
जिन किसानों का 31 मार्च 2023 से पहले बिल बकाया है, वह पावर कॉर्पोरेशन की वेबसाइट के अतिरिक्त विद्युत उपकेंद्रों के कैश काउंटर और जनसेवा केंद्र पर भी 30 जून तक पंजीकरण करा सकते हैं। इसमें उपभोक्ताओं को बकाये का 30 प्रतिशत मूलधन जमा करना होगा। एक मुश्त धनराशि जमा करने पर ब्याज में 100 फीसदी छूट और तीन किस्तों में मूलधन जमा करने पर ब्याज में 90 फीसदी की छूट दी जाएगी। इसी तरह छह किस्तों में जमा करने पर ब्याज में 80 फीसदी छूट मिलेगी। जो किसान 30 जून तक इस योजना में रजिस्ट्रेशन कराकर पूर्व का बिल जमा नहीं करेंगे, उनको क्षेत्रानुसार निर्धारित 1300/1045 फ्री यूनिट का लाभ नहीं मिलेगा।
मुफ्त बिजली लेने वाले किसानों के लिए मीटर अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश की सभी बिजली निगमों में 10 हॉर्सपावर (एचपी) पर किसानों को 140 यूनिट प्रति केवी प्रतिमाह की छूट मिलेगी। यानी 10 एचपी पर कुल 1,045 यूनिट प्रतिमाह की छूट मिलेगी। इससे अधिक खपत पर टैरिफ के अनुसार भुगतान करना होगा। हालांकि बुंदेलखंड के किसानों के लिए 10 एचपी की जगह 12.5 एचपी तक की छूट रहेगी। ऐसे में उन्हें 1,300 यूनिट प्रतिमाह की छूट मिलेगी। सभी क्षेत्रों में निर्धारित सीमा तक बिजली खपत पर फिक्स चार्जेज में 100 फीसदी और अधिक बिजली खपत करने पर सिर्फ 50 फीसदी की छूट मिलेगी।