मेरठ। मेरठ में आज फिर लगातार छठे दिन कोरोना विस्फोट हुआ। आज मेरठ में 73 कोरोना संक्रमित मिले। इनमें से 36 पुरूष हैं और 37 महिला शामिल हैं। कोरोना संक्रमण का दायरा अब मेरठ में लगातार बढ़ता जा रहा है। मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब 278 तक पहुंच गई है। कोरोना संक्रमितों में 257 का इलाज इस समय घर में होम आइसोलेशन में चल रहा है। जबकि जबकि 21 मरीज अस्पताल में भर्ती है।
मेरठ में करीब सात महीने के बाद फिर से कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। आज रविवार को 1383 सेंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जिनमें से 989 सेंपलों की जांच की गई। इनमें से 73 कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। इससे पहले शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने 2400 सैंपल की जांच को भेजा था। जिसमें से 2400 सेंपलों की जांच हुई थी और इनमें से 67 मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। शनिवार को कोरोना मरीजों की एक्टिव संख्या 252 तक पहुंच गई है। वह आज बढ़कर 278 तक पहुंच गई हैं। यह संख्या पिछले कई महीनों में कोरोना संक्रमण की सबसे बड़ी संख्या बताई जा रही है।
सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन ने बताया कि निजी अस्पतालों से बुखार, खांसी, जुकाम और थकान वाले मरीजों की रिपोर्ट नियमित तौर पर मंगाई जा रही है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी अशोक तालियान ने बताया कि इस समय मंडल में फिलहाल ओमीक्रोन वेरिएंट संक्रमित हो रहा है। जो ज्यादा खतरनाक नहीं है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मिलने की आशंका जताई जा रही है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ0 अमित गर्ग ने बताया कि पॉजिटिव मिलने वाले सैंपल में 10 प्रतिशत जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए नई दिल्ली भेजा जा रहा है। जिसमें ओमीक्रोन की पुष्टि हो रही है।
सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना ज्यादा जरूरी है। लोगों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और आसपास जाने से बचने की सलाह दी जा रही है। खासकर शुगर और थायराइड के रोगी संक्रमण से अपना अधिक बचाव करें। वहीं बुजुर्ग और बच्चों में बीमारी गंभीर बन सकती है। छाती रोग विशेषज्ञ का कहना है कि ओपीडी में मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। इनमें से अधिकांश पाजिटिव हो सकते हैं। लेकिन मरीज जांच कराने से बच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है। यह वायरस फेफड़ों के बजाय गले में संक्रमित हो रहा है या पेट में उतर रहा है। इस वजह से मरीजों में डायरिया देखा जा रहा है। सीएमओ डॉ0 अखिलेश मोहन ने बताया कि जिले में कुल 28 ऑक्सीजन प्लांट को नए सिरे से चालू किया है। वहीं 3000 से ज्यादा कोविड बेड तैयार रखने के लिए कहा गया है।