नई दिल्ली. आपने स्पेशल 26 फिल्म देखी होगी, जिसमें कुछ लोग नकली सरकारी अफसर बनकर लोगों के घर फर्जी रेड करते थे और उन्हें लूट लेते थे. लेकिन आज हम आपको साल 2022 की सच्ची घटना के बारे में बता रहे हैं, जिसमें अफसर असली थी रेड भी असली थी लेकिन, इसे इनकम टैक्स के अधिकारियों ने बाराती बनकर अंजाम दिया था. इसमें करीब 390 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश भी किया गया. यह रेड महाराष्ट्र के जलाना के दो बिजनेसमैन पर की गई, जिसमें तकरीबन 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने हिस्सा लिया था.
बात साल 2022 की है तब महाराष्ट्र के जीएसटी काउंसिल और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दो बड़े स्टील बनाने वाले ग्रुप द्वारा कर चोरी की जानकारी मिली. इन्हें रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों बिजनेस में 120 करोड़ रुपये कर की चोरी हो चुकी है. सारी जानकारी नासिक इनकम टैक्स विभाग को दी गई. जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने ग्रुप्स के ट्रांजेक्शन निकाले. तब पता चला कि ग्रुप ने कर्मचारियों के नाम पर भी लॉकर ओपन कराए हैं. फर्जी ट्रांजेक्शन हो रहा है. इस पर रेड के लिए दिन और समय का चुनाव हुआ. दो बड़े मैन्युफैक्चरर्स के घर, ऑफिस समेत कई जगहों पर एक साथ, एक ही दिन में रेड करनी थी. रेड को पूरी तरह से सीक्रेट रखना भी बड़ी चुनौती थी.
रेड के लिए 250 अधिकारियों की टीम बनी. इनमें इनकम टैक्स अधिकारियों के अलावा पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया. नासिक से जालना की तरफ 120 गाड़ियों को भेजा जाना था और मिशन सीक्रेट रखने के लिए बारात की शक्ल दी गई. गाड़ियों पर राहुल संग अंजली के स्टीकर लगाए गए. अधिकारी बारातियों वाले कपड़े पहनकर पहुंच गए, जैसे कि किसी शादी में जा रहे हों इनमें पुरुष और महिला अधिकारी दोनों शामिल थे.
बारातियों के भेष में अधिकारियों की टीम दोनों बिजनेस फैक्ट्री के दफ्तर, वेयरहाउस, बंगलों तक पहुंची. यहां उम्मीद के मुताबिक बरामदीगी नहीं हुई. हालांकि कुछ चीजें भी मिलीं, जिनमें जेवर, पैसे शामिल थे. तभी ऑफिस में पहुंची टीम को वहां पड़े दस्तावेजों से एक फार्महाउस की जानकारी मिलती है. इसका जिक्र लोकेशन में नहीं था.
दस्तावेजों से सामने आए इस गोपनीय फार्महाउस से भारी मात्रा में कैश, ज्वेलरी और दस्तावेज समेत कई चीजें मिलीं. दीवारों, जमीन और सीलिंग में इनको छुपाया गया था. सीक्रेट रूम से 58 करोड़ रुपये, 14 करोड़ रुपये की ज्वेलरी मिली. दस्तावेजों में से एक से पता चला कि कर्मचारियों के नाम से भी अकाउंट खोले गए हैं. जब हर चीज को जोड़ा गया तो 390 करोड़ रुपये की बेनामी बेहिसाब संपत्ति मिली. पैसों को गिनने के लिए स्टेंट बैंक ऑफ इंडिया जालना की मदद ली गई.
अधिकारियों ने 3 अगस्त से लेकर 9 अगस्त तक दोनों ग्रुप्स के अलग अलग लोकेशन पर करीब 20 जगह जालना में छापेमारी की. औरंगाबाद में 7 जगह, नासिक, मुंबई, पुणे में 1-1 जगह. इनकम टैक्स विभाग ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि इन्होंने बड़े स्तर पर टैक्स की चोरी की है. जीएसटी का घोटाला भी सामने आया.