पटना. बिहार में महागठबंधन की सरकार को दो दिन हो गए हैं। नई सरकार के गठन के बाद से ही बिहार की जनता डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को उनके पुराने वादे याद दिलाने लगी है। फिर वह 10 लाख रोजगार, किसानों की कर्ज माफी की बात हो या संविदा पर नौकरी के प्रावधान को खत्म करने की। ये सवाल तेजस्वी यादव से इसलिए पूछे जा रहे है क्योंकि ये सभी उनके चुनावी घोषणापत्र में शामिल थे।
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि नए सहयोगी तेजस्वी यादव के साथ आने के बाद सरकार में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं? क्या तेजस्वी अपने चुनावी वादों को पूरा करेंगे? इन वादों पर विपक्ष का क्या कह रहा है? आइए जानते हैं…
2020 विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि उनकी सरकार आई तो बिहार में 10 लाख लोगों को रोजगार देंगे। तेजस्वी ने 27 सितंबर 2020 को ट्विट किया था। लिखा था, ‘पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। बिहार में 4 लाख 50 हजार रिक्तियां पहले से ही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी पांच लाख 50 हजारर नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है।’
अब चूंकि तेजस्वी सरकार में आ चुके हैं। खुद डिप्टी सीएम हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि लोग उनसे 10 लाख रोजगार पर सवाल करेंगे। तेजस्वी के शपथ ग्रहण से पहले ही इस मुद्धे पर विपक्षी पार्टी भाजपा उन्हें घेरने लगी। एक न्यूज चैनल से बातचीत में तेजस्वी ने कहा, ‘हां! हमने वादा किया था कि बिहार का सीएम बनते ही पहला फैसला नौकरियां देने का होगा। अभी मैं प्रदेश का डिप्टी सीएम हूं। मैंने सीएम नीतीश कुमार से बातचीत की है। दो दिन से हमारी चर्चा हुई है। हमारी उनसे बेरोजगारी को लेकर चर्चा हुई है। वो इसको लेकर बहुत गंभीर हैं।’
एक अन्य बयान में तेजस्वी ने कहा, ‘अभी तो विश्वासमत बाकी है। हम लोग कोशिश करेंगे की ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी दे सकें। 4-5 लाख लोगों को कम से कम नौकरी दी जा सके।’
वहीं एक और बयान में तेजस्वी ने कहा, ’10 लाख रोजगार का वादा हम पूरा करेंगे। जब मैंने ये वादा किया था, तब कहा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा तो ये वादा पूरा करूंगा। अभी तो मैं उपमुख्यमंत्री हूं।’
तेजस्वी के 10 लाख रोजगार दिए जाने के वादे पर मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी सवाल किया। उन्होंने कहा, ‘हम लोग तो ट्राई कर ही रहे हैं। पहले से ट्राई कर रहे हैं। जो पहले से दिया है। हम फिर से कह रहे हैं कि अधिक से अधिक रोजगार देंगे।’
किसानों का कर्ज माफ होगा? : 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने किसानों की कर्जमाफी का भी एलान किया था। कहा था कि उनकी सरकार बनती है तो वह किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। अब उनकी सरकार बन चुकी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कैबिनेट की पहली मीटिंग में वह किसानों की कर्ज माफी को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं। बताया जाता है कि इसके लिए पर्दे के पीछे अभी से तेजस्वी नीतीश कुमार पर दबाव डालना शुरू कर चुके हैं।
संविदा भर्ती प्रक्रिया समाप्त होगी? : तेजस्वी यादव ने संविदा भर्ती प्रक्रिया को भी निरस्त करने का वादा किया था। कहा था कि सरकार बनने के बाद सभी विभागों से निजीकरण को समाप्त कर दिया जाएगा। इसको लेकर एक न्यूज चैनल ने तेजस्वी से बात करने की कोशिश भी की। हालांकि, उन्होंने इसका कुछ साफ जवाब नहीं दिया। कहा कि अभी तो सरकार बनी है। आगे देखते हैं क्या-क्या हो सकता है।
बिहारियों को नौकरी में 85 फीसदी का आरक्षण : राजद ने 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि उनकी सरकार बनी तो वह बिहार में निकलने वाली नौकरियों में 85 फीसदी बिहारियों को आरक्षण देंगे। ऐसे में संभव है कि इसको लेकर भी तेजस्वी और नीतीश कुमार की सरकार कोई फैसला ले।
युवाओं को बेरोजगारी भत्ता : तेजस्वी यादव ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी किया था। कहा था कि सरकार बनने पर हर माह युवाओं को 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। आर्थिक तौर पर अभी बिहार की स्थिति काफी कमजोर है। ऐसे में इस वादे को पूरा करना काफी मुश्किल है।
पेंशन में बढ़ोतरी का वादा : राजद ने 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान बुजुर्गों और गरीबों को मिलने वाली पेंशन को प्रतिमाह 400 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने का वादा किया था। नीतीश कुमार ने सरकार बनने के बाद इसे 500 कर दिया था। अब तेजस्वी से लोग पूछ रहे हैं कि वह इस 500 को बढ़ाकर एक हजार रुपये कब करेंगे।
हमने यही सवाल बिहार के वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर झा से पूछा। उन्होंने कहा, ‘वादे करने और उसे पूरा करने में काफी अंतर होता है। वादे राजनीतिक होते हैं, लेकिन जब सरकार चलाने की बारी आती है तो कई तथ्यों को देखकर फैसले लेने पड़ते हैं। अभी बिहार में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में तेजस्वी के सामने वादों को पूरा करने में कई चुनौतियां आने वाली हैं। अगर, आंकड़ों और तथ्यों पर बात करें तो मुझे नहीं लगता है कि तेजस्वी अपने सभी वादों को पूरा कर पाएंगे। हां, कुछ वादों को पूरा करके वह जरूर यह बताने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने लोगों के लिए काम किया है।’