हरिद्वार. हरिद्वार में ओम पुल के पास रविवार को कावड़ यात्रियों की करीब एक दर्जन बाइकों में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। दमकल टीम ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निकांड में 10 से 12 बाइक जल कर क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
गनीमत रही कि कोई कावड़ यात्री आग की चपेट में नहीं आया। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि तेज धूप और गर्मी के कारण एक बाइक में आग लगी होगी, जिसके बाद अगल-बगल की अन्य बाइकें भी धू-धू कर जलने लगीं।
शहर में रविवार को डाक कांवड़ और बाइकर्स कांवड़ यात्रियों का सैलाब उमड़ आया। पार्किंग फुल होने के बाद जिसको जहां जगह मिली, वहीं अपनी बाइक व अन्य वाहन खड़े कर दिए। ओम पुल के पास कावड़ यात्रियों की बाइकों में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाई एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई है।
हरिद्वार चंडी घाट पुल से चीला शक्ति नहर होते हुए ऋषिकेश आ रही कावड़ यात्री की एक बाइक में गंगा भोगपुर के पास अचानक आग लग गई। कांवड़ यात्री ने किसी तरह बाइक से कूद कर अपनी जान बचाई। बाइक में आग लगने के बाद कांवड़ यात्री फिलहाल नीलकंठ महादेव के दर्शनों के लिए रवाना हो गया है। बाइक में आग लगने की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह नीलकंठ महादेव का जलाभिषेक करने के लिए कुछ कांवड़ यात्री का दल हरिद्वार चंडी घाट से चीला शक्ति नहर होते हुए ऋषिकेश के लिए निकला। गंगा भोगपुर के पास अचानक कांवड़ यात्री की एक बाइक में अचानक आग लग गई। बाइक से धुआं उठा तो कांवड़ यात्रीने किसी तरह कूद कर अपनी जान बचाई।
देखते ही देखते बाइक में आग धू धू कर जलने लगी। लपटें उठी तो हर कोई भयभीत होता हुआ भी नजर आया। कुछ देर तक इंतजार करने के बाद कांवड़ यात्री अपने साथियों के साथ नीलकंठ महादेव का जलाभिषेक करने के लिए चला गया। फिलहाल जलती हुई बाइक गंगा भोगपुर में चीला शक्ति नहर के किनारे खड़ी है।
इससे पहले शनिवार को आपदा मित्रों ने जटवाड़ा पुल के पास दिल्ली और हरियाणा से आए दो कांवड़ यात्रियों को डूबने से बचा लिया। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने आपदा मित्र शुभम, विशाल, अमित और जितेंद्र की इस कार्य के लिए सराहना की। आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतूरा ने बताया कि कांवड़ मेले में आपदा मित्र, युवा मंगल दल और महिला मंगल दल के लगभग 50 स्वयंसेवक अपना योगदान दे रहे हैं। जिन्हें आपदा प्रबंधन की ओर से प्रशिक्षित किया गया है।