बिजनौर। श्रम विभाग और राजस्व विभाग की टीम ने किरतपुर के मौजा सराय जलाल में स्थित आजाद ब्रिक्स वर्क्स पर छापा मारा और 106 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। सभी मजदूर शामली के कैराना के रहने वाले है। सभी के बयान लिए गए। मजूदरों ने मजदूरी का पैसा नहीं देने का आरोप भट्ठा स्वामी पर लगाया गया है।
डीएम के आदेश पर बृहस्पतिवार को श्रम प्रवर्तन अधिकारी एएन त्रिपाठी एवं नायब तहसीलदार जितेन्द्र कुमार ने भट्ठे पर पहुंच कर बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। मजदूर गुलजार, सुरय्या, इमरान, फय्याज, महताब, शबनम, समीना, फुरकान, शाजिया आदि ने बताया कि वे डेढ़ माह पहले यहां काम करने के लिए आए थे। तब से उन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया हैं। मजदूरी भी नहीं दी गई है। उधर, भट्ठा स्वामी शमीम अहमद अंसारी ने आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताए है।
महिला मजदूर शाजिया का कहना है कि एक सप्ताह पूर्व उसके एक माह के मासूम बेटे की ठंड लगने से अचानक हालत बिगड़ गई। भट्टा स्वामी से मजदूरी के रुपये मांगे, मगर उसने एक रुपया तक नहीं दिया। उसने मासूम बच्चे की जान बचाने की गुहार लगाई। बेरहम भट्टा स्वामी नहीं पसीजा। आखिर इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया।
एक महिला का कहना था कि मजदूरी न मिलने के कारण उन्हें भूखे रहना पड़ता था। वह अपने चार-पांच साल के बच्च्चों को पास गांव में भीख मांगने भेजती थी। जब भीख में मिला खाना लेकर बच्चे आते थे तब हम खाना खाते थे। ऐसा 15 दिन से चल रहा था।
सभी मजदूरों को वाहन के माध्यम से उनके घर कैराना भेज दिया गया है। भट्ठा मालिक पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। – जितेंद्र सिंह, नायब तहसीलदार