मेरठ. मेरठ के मंगतपुरम में करीब दो साल से धर्मांतरण की पाठशाला चल रही थी, लेकिन एलआईयू या किसी अन्य सुरक्षा एजेंसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। शुक्रवार को जब खबर फैली तो बजरंग दल कार्यकर्ता और समाजसेवी सचिन सिरोही मंगतपुरम पहुंचे। उन्होंने क्रिश्चियन धर्म से जुड़ी किताबें और आर्थिक मदद लेने वाले लोगों की सूची ढूंढ ली। मामला तूल पकड़ता गया और शहर भर में हड़कंप मच गया। वहीं इस मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।पुलिस ने महिला समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं मामले में रमेश प्रधान को पूछताछ के लिए उठाया है। वहीं स्थानीय लोग विरोध करने ब्रह्मपुरी थाने पर पहुंच गए।
पुलिस के मुताबिक, 20-25 साल पहले बारांबकी से दस लोग मंगतपुरम आए और खाली पड़े प्लॉट में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने लगे। अब इनकी संख्या 400 से ज्यादा बताई जा रही है। लॉकडाउन में भुखमरी मची तो इन लोगों की मदद के लिए दिल्ली के महेश पासचर पहुंचे। जो क्रिश्चियन बताए गए।
मंगत पुरा में रह रहे लोगों का ढाई साल से धर्मांतरण कराया जा रहा था, बताया गया है कि पहले लॉकडाउन में कुछ लोगों ने मंगत पुरा में रहने वाले लोगों की मदद करने के बहाने उन्हें धर्मांतरण के लिए गुमराह करना शुरू कर दिया था। यह लोग अब तक करीब 400 लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं। धर्मांतरण के कई लोगों को अब विदेशों से फंडिंग कर उनकी जरूरतों का सामान वितरण किया जा रहा है। दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा करने को लेकर विवाद होने के बाद धर्मांतरण का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, पुलिस ने शनिवार को नामजद दो महिलाओं को हिरासत में लिया है। बाकी नामजदों की धरपकड़ के लिए दबी से दी जा रही है। वहीं हिंदू धर्म के लोगों की मांग है कि धर्मांतरण करने वाले लोगो को यहां से निकाला जाए या फिर इन लोगो को हिंदू धर्म में वापस लाया जाए।
आरोप है कि महेश पासचर ने कुछ लोगों को भरोसे में लेकर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को क्रिश्चियन धर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। नतीजा यह हुआ कि लोग चर्च में जाने लगे और धर्म परिवर्तन भी किया। यह सिलसिला करीब दो साल से चलना बताया गया।
शुक्रवार को मामला एसएसपी ऑफिस पहुंचा तो पुलिस प्रशासन की नींद टूटी। बजरंग दल के दिलीप सिंह और समाजसेवी सचिन सिरोही ने बताया कि मंगतपुरम में मिलीं क्रिश्चियन धर्म की पुस्तकें और आर्थिक मदद लेने वालों की सूची का रजिस्टर पुलिस को सौंपा गया है। कार्यकर्ताओं का कहना कि गरीबी का फायदा उठाकर लोगों का धर्मांतरण कराया गया।
पुलिस के मुताबिक, झुग्गी में रहने वाले चैम्पियन नाम के युवक ने धर्मांतरण का विरोध किया है। लोगों के घरों से देवी-देवताओं के पोस्टर हटवाने के लिए रेलवे रोड निवासी अनिल व उसके साथियों को लगाया गया था। अनिल महेश पासचर का नौकर है। देवी-देवता के पोस्टर फाड़ने पर चैम्पियन ने समाजसेवी सचिन सिरोही को फोन कर सूचना दी। उसने पुलिस को धर्मांतरण कराए जाने के कई साक्ष्य समेत 50 से अधिक वीडियो सौंपे हैं।
सीओ ब्रह्मपुरी बृजेश सिंह का कहना है कि मंगतपुरम में महंगी जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी खाली कराने के लिए कई बार पुलिस प्रशासन के पास प्रार्थना पत्र पहुंचे हैं। जांच में सामने आया कि इस जमीन पर कब्जा करने के लिए दो लोगों के गुट बन गए हैं। एक गुट ने साजिशन धर्मांतरण का मामला कराया। कुछ लोगों के बयान में यह बात सामने आई है। इस बिंदु पर जांच की जा रही है। जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज है, उनकी तलाश में दबिश जारी है। कुछ वीडियो और पुस्तकें मिली हैं। फिलहाल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।