मेरठ। अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड में बिना अनुमति के मीट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग करने वाले याकूब कुरैशी के परिवार पर एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है। तब भी पुलिस याकूब कुरैशी और उसके दोनों बेटों की नहीं पकड़ पा रही है। पुलिस अब पूर्व मंत्री याकूब का अंतराष्ट्रीय गैंग पंजीकृत करने जा रही है। इसकी तैयारी के लिए पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों की अपराधिक हिस्ट्री खंगाली है। पत्नी, बेटों तथा कर्मचारियों को याकूब गैंग का सदस्य बनाया जा रहा है।
गत 31 मार्च को याकूब कुरैशी के बेटे इमरान, फिरोज और पत्नी शमजिदा के खिलाफ खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप था कि अलीपुर खरखौदा स्थित मीट फैक्ट्री में अवैध तरीके से पैकेजिंग और प्रोसेसिंग का धंधा चल रहा था। इस मुकदमे में शमजिदा जमानत पर है, जबकि याकूब, फिरोज और इमरान पर 25-25 हजार का इनाम घोषित हो चुका है। इसके बाद भी पुलिस याकूब परिवार को पकड़ नहीं पाई है।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि याकूब, फिरोज, इमरान, शमजिदा, मोहित त्यागी, फैजाब और मुजीब के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को पकड़ने के लिए एसटीएफ की टीम को भी लगा दिया है। उनके परिवार की सभी लोकेशन पुलिस खंगाल रही है। अभी तक कुछ नंबरों की लोकेशन जयपुर और देहरादून में मिली है। साथ ही गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद हाजी याकूब कुरैशी पर अंतरर्राष्ट्रीय गैंग का पंजीकरण करने की तैयारी चल रही है, क्योंकि याकूब का जुड़ाव प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर दिल्ली और अन्य कई देशों में है। याकूब गैंग के सदस्यों में उसकी पत्नी, दोनों बेटे और तीन कर्मचारियों को रखा जा रहा है। यानि इस पंजीकृत गैंग के छह सदस्य बनाए जाएंगे।
गैंगस्टर का मुकदमा होने के बाद याकूब और उसके परिवार वालों के नाम पंजीकृत सभी वाहनों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी गई है। अब वे किसी वाहन को नहीं बेच सकेंगे। बैंकों को भी खातों से रकम निकासी पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इस कार्रवाई से याकूब परिवार की कमर टूट सकती है। पुलिस ने शमजिदा बेगम के बैंक खातों की भी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। देखा जा रहा है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद उनके खातों से कितनी रकम ट्रांसफर की गई।