शामली : बिजली सुधार के लिए चलायी जा रही बिजनेस प्लान योजना के तहत जहां 26 करोड़ की योजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं विभाग ने जिले में बिजली सुधार के लिए 19.15 करोड़ रुपये और प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें जिले में छह नए केवीए ट्रांसफार्मर व 41 ट्रासंफार्मरो की क्षमता वृद्धि, व नए ट्रासंफार्मर लगाए जाने सहित जर्जर तार बदलने व बिजली घर पर पडी खराब मशीनों को ठीक कराने या बदले जाने का लक्ष्य है। जिससे जिले में विद्युत आपूर्ति में और अधिक सुधार हो सके और गर्मी और सर्दी के मौसम में आने वाली समस्याओं से बचा जा सकें।
शासन से विद्युत विभाग के लिए बिजनेस प्लान योजना के तहत वितीय वर्ष 2023-24 में 26.67 करोड रूपये का बजट स्वीकृत किया गया था। इसके तहत जनपद में तीन उपकेंद्रों व 253 ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने तथा 118 नए ट्रांसफार्मर लगाने का लक्ष्य 31मार्च 2024 तक के लिए दिया गया था। इसमें 134 फीडरों 722 किलोमीटर लंबी एबीसी लाइन बिछायी जा रही है। इसमें से 500 किलोमीटर एबीसी लाइन बिछा दी गई है। 134 किलोमीटर जर्जर तारों की लाइन के स्थान पर बिजली के नए तारों की लाइन बिछायी जा रही है। इसमें करीब 75 फीसदी काम पूरा हो गया है। 31 मार्च तक करीब 22.5 करोड रुपया खर्च हो गया है।
अब 25 फीसदी कार्य पूरा करने के लिए शासन ने विद्युत विभाग को 31 अप्रैल तक का समय दिया है। इस काम को पूरा अब जिले के विद्युत विभग ने शासन को 19.15 करोड रूपये का एक और प्रस्ताव भेजा है, जिसमें जिला विद्युत विभाग ने 33 केवी के 6 ट्रासंफार्मर के लिए 88 लाख, 24 ट्रासंफार्मर नए लगाने के लिए 86 लाख, 41 ट्रासंफार्मर की क्षमता वृद्धि में 136.86 लाख, जर्जर तारों को बदलने में 177 लाख, बिजली घर पर खराब पडी 42 मशीनों (वीसीबी मशीन) को लगानें में 333.70 लाख तथा बिजली घर पर अन्य उपकरणों को बदलने या उपकेन्द्रों का शुद्धिकरण करने के लिए 1067.17 लाख का बजट शासन भेजा है। इससे जिले में बिजली आपूर्ति में भी सुधार होगा। दूसरे जर्जर तारों एवं अन्य फाल्ट के चलते बिजली की अघोषित कटोती से भी निजात मिलेगी।
2023-24 की बिजनेस प्लान योजना के तहत 26.67 करोड़ की धनराशि से जिलेभर में 253 ट्रांसफार्मरों और तीन विद्युत उपकेंद्रों की विद्युत क्षमता बढाई जाने का लक्ष्य 31 अप्रैल तक दिया गया। विभाग द्वरा इस वर्ष भी शासन को 19.15 करोड रूपये का प्रस्ताव भेजा है। जिससे की विद्युत व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर बनाया जा सकें।