मेरठ। फलावदा पुलिस से न्याय नहीं मिला तो एक सेना का जवान बुधवार को एसएसपी आफिस पर फूट फूटकर रोया। उसका आरोप था कि जानलेवा हमले के आरोपियों को ढाई महीने बाद भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही। जबकि उनकी गोली से उसका भाई पैरालाइज हो गया। पुलिस आरोपियों से मिली हुई है और घटना को मामूली मारपीट बताकर आरोपियों को बचाने का काम कर रही है।
भारतीय सेना में तैनात सतेंद्र कुमार अपने परिवार के साथ बुधवार को एसएसपी आफिस पहुंचे। वह चारपाई पर अपने भाई राजन को लेकर पहुंचे थे। एकाएक परिजनों ने हंगामा शुरु कर दिया। शोर सुनकर फरियादियों की सुनवाई कर रहे एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को बुलाकर बात की। साथ ही सीओ ब्रह्मपुरी विवेक यादव को भी बाहर भेजा। सतेंद्र ने बताया कि 16 जून को चुनावी रंजिश के चलते गांव के आदेश, लोकेश, प्रेम सिंह, रामफल ने जान से मारने की नीयत से खेत पर काम कर रहे उसके परिवार के विकास, राजन और पन्नू सिंह पर हमला किया। वह बीच-बचाव के लिए आया तो उस पर फायरिंग कर दी, जिसमें एक गोली उसके भाई राजन को जा लगी। गोली लगने से राजन पैरालाइज हो गया।
पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की। इसके बाद अफसरों से मिलकर उन्होंने जांच मवाना थाने में ट्रांसफर करा ली। इसके बाद भी पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी और उनके फरार होने का हवाला देकर बचती रही। एक आरोपी आदेश जेल गया है। जबकि अन्य सभी खुलेआम घूमकर उन्हें धमकी दे रहे हैं। उसका परिवार दहशत में है। यह लोग पुलिस से सांठ-गांठ कर किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं। जम्मू कश्मीर में बेखौफ होकर ड्यूटी की लेकिन यहां घर में कैद रहना पड़ रहा है। आपबीती सुनाते हुए सतेंद्र रोने लगे, जिसे परिजनों ने शांत कराया। एसएसपी ने पीड़ित परिवार को सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।