कैराना: नगर के पंजाब नेशनल बैंक परिसर में भाकियू कार्यकर्ताओं ने बैंक के एजेंटों पर एक किसान को कृषि भूमि पर दिए गए लोन को जमा कराने के नाम से 3़ 37 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए अनिश्तिकालीन धरना शुरू किया। बैंक में तालाबंदी की चेतावनी पर नायब तहसीलदार धरने पर पहुंचे। जिसके बाद किसान की भूमि को ऋणमुक्त करने के आश्वासन पर करीब पांच घंटे बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
नगर के शामली रोड स्थित पीएनबी ब्रांच के बाहर बुधवार को भाकियू के युवा मंडल महासचिव अमजद हसन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान भाकियू के ब्लॉक अध्यक्ष गय्यूर हसन ने कहा कि पीएनबी की ओर से गांव अकबरपुर सुन्हेटी निवासी किसान मेहरबान का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया था। बैंक के पूर्व मैनेजर अंकुश शर्मा अन्य कर्मचारियों को लेकर किसान के घर गए थे और 4.50 लाख रुपये में ओटीएस के माध्यम से केसीसी निपटाने की बात कही थी।
जिसमें धनराशि देने के लिए तीन माह का समय दिया गया था। इसके बाद किसान ने दो माह में बैंक से जुड़ी रिकवरी संस्था के दो एजेंटों को 4 लाख 52 हजार रुपये जमा करने के लिए दिए थे, लेकिन खाते में केवल 1 लाख 15 हजार रुपये ही जमा किए गए और शेष रुपयों को जब्त कर लिया गया। उन्होंने कहा कि एक साल बाद बैंक की ओर से 12 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस प्राप्त हुआ, तो धोखधाड़ी की जानकारी हुई। वहीं, धरनास्थल पर पहुंचें वर्तमान बैंक मैनेजर अंकित कुमार पटेल से भी कार्यकर्ताओं ने वार्ता की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
इसके बाद भाकियू कार्यकर्ताओं ने समस्या का समाधान नहीं होने पर बैंक में तालाबंदी करने की चेतावनी दी। वहीं, नायब तहसीलदार गौरव सांगवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने बैंक मैनेजर से वार्ता की और बैंक की ओर से संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पर विचार किया गया। बैंक मैनेजर के द्वारा पीड़ित किसान की जमीन ऋणमुक्त करने के आश्वासन पर करीब पांच घंटे बाद धरना समाप्त कर दिया गया।