मेरठ। खरखौदा थाना क्षेत्र के पांची के जंगल में झांकियों में काम करने वाले दो युवकों की हत्या कर दी गई। दोनों के शव दिल्ली-हापुड़ हाईवे कैली अंडरपास से सौ मीटर दूर बाग में पड़े मिले। मौके पर मिले मोबाइल में मिले नंबर के आधार पर एक युवक की पहचान बिजौली गांव निवासी मनोज (18) पुत्र नरेश नाई और दूसरे की पहचान नरहाड़ा गांव निवासी मोंटी (20) पुत्र तिलक जाटव के रूप में हुई।
एडीजी डीके ठाकुर, आईजी नचिकेता झा और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। वारदात के खुलासे को पुलिस की पांच टीमें लगाई गई हैं। वहीं हत्या की वारदात को लेकर कई नए खुलासे हुए हैं। कैली गांव के कुछ ग्रामीण बुधवार शाम करीब पौने छह मेरठ-हापुड़ हाईवे पर अंडरपास से 100 मीटर दूर बाग के पास चकरोड से निकले तो दो युवक पड़े हुए थे। उन्होंने बाग की रखवाली करने वाले सुरेंद्र को बुलाकर दिखवाया तो दोनों युवक मृत थे।
खरखौदा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। कुछ ही देर में पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को मौके से एक मोबाइल बरामद हुआ। मोबाइल में मिले नंबर के आधार पर ही दोनों युवकों की पहचान हुई। दोहरे हत्याकांड में पुलिस को सनसनीखेज जानकारी मिली है। दोनों युवकों ने हत्याकांड से पहले चार मई को एक वीडियो बनाकर अपने मोबाइल में सेव कर लिया था कि हमारी हत्या हुई तो जिम्मेदारी आप दोनों की होगी। पुलिस ने उन दोनों लोगों को फोन किया है तो उनके मोबाइल ऑफ हैं। घर से दोनों ही फरार हैं। पुलिस का पूरा फोकस हत्याकांड का उन्ही पर पहुंच गया है।
मनोज और मोंटी ने चार मई को ही जान का खतरा बताकर एक वीडियो बनाकर अपने मोबाइल में रख लिया था। बताया था कि कैली गांव के अंकुश और नवीन उनकी हत्या कर सकते हैं। अगर उनके साथ कुछ भी हुआ तो इसकी जिम्मेदारी उन दोनों की होगी। पुलिस ने दोनों के घर दबिश दी तो दोनों फरार मिले। उनके मोबाइल भी बंद हैं। परिजनों ने बताया कि ये दोनों भी मृतकों के साथ काम करते थे। पुलिस ने दोनों के साथ काम करने वाले वाले कई लोगों को हिरासत में ले लिया है।
मोंटी और मनोज के पास से पहचान का कोई दस्तावेज नहीं मिला था। दोनों के बाल लंबे थे। एक का हेयरबैंड पास में पड़ा हुआ था। एक युवक के हाथ पर मेहंदी रची हुई थी, पैर में काले धागे बंधे हुए थे। पुलिस को मौके से एक मोबाइल बरामद हुआ। मोबाइल में लॉक लगा हुआ था। पुलिस ने सिम निकालकर दूसरे मोबाइल में डालकर देखा तो तीन नंबर उसमें सेव मिले। एक नंबर बिजौली गांव का था। उस नंबर पर कॉल करने पर पता चला कि ये नंबर मनोज का है। इसके बाद दोनों के परिजनों को सूचना दी गई।
मोंटू के परिजनों ने खरखौदा थाने पहुंचकर जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना था कि उनके पहुंचने से पहले पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए क्यों भेजा। पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद परिजन शांत हुए। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि दोनों युवक मनोज और मोंटी झांकियों में नाचने-गाने का काम करते थे। सूचना पर दोनों के परिजन थाने पहुंच गए। एसएसपी ने बताया कि हत्या के कारणों की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।