बिजनौर. महात्मा विदुर के नाम से प्रसिद्ध बिजनौर पर्यटन के रूप में विकसित होगा। इसके लिए कई योजनाओं पर कार्य की कार्ययोजना बनाई गई है। गंगा बैराज से विदुरकुटी को जोड़ने के लिए मध्य गंगा नहर फेस टू की पटरी को बनाया जाएगा। इस मार्ग से बैराज और विदुरकुटी के बीच की करीब 15 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही विदुरकुटी, बैराज, नारनौर गंगा पुर के माध्यम से हस्तिनापुर पर्यटन की आपसी कनेक्टिविटी हो जाएगी।
महाभारत काल की बात करें तो बिजनौर भी अपने आंचल में उस समय की काफी यादें संजोए हुए हैं। महारत युद्ध से पहले पांडवों के दूत बनकर भगवान श्रीकृष्ण दुर्योधन को समझाने आए थे। कि युद्ध टाल दें, लेकिन दुर्योधन ने उनके प्रस्ताव को टाल दिया था। इतिहासकारों का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण दुर्योधन के छप्पन भोग छोड़कर हस्तिनापुर के महामंत्री महात्मा विदुर के पास विदुरकुटी आए गए थे। यहां उन्होंने बथुए का साग खाया था। यहां आज भी बथुए का पेड़ खड़ा है। जिले को पर्यटन में बढ़ावा देने तथा बिजनौर से बैराज तक लगने वाले जाम से निजात दिलाने को पीडब्ल्यूडी विभाग ने नहर की पटरी बनाने की कार्य योजना बनाई है। कार्ययोजना को अंतिम स्वीकृति देने के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दी है। कार्य योजना स्वीकृत होते ही इसका बजट बनाया जाएगा और धनराशि जारी होने पर निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा।
– 15 किलोमीटर की दूरी होगी कम, हस्तिनापुर से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
महाभारत सर्किट में शामिल बिजनौर अभी तक अच्छे मार्गों की कनेक्टिविटी नहीं होने से पर्यटन के मानचित्र में धूमिल हो रहा है। पीडब्लूडी की ओर से जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक कार्ययोजना बनाई है। योजना का धरातल पर सही क्रियान्वयन हुआ, तो बिजनौर पर्यटन हब बनेगा। पीडब्लूडी द्वारा मध्य गंगा नहर फेज टू की करीब 8 किलोमीटर की पटरी का निर्माण किया जाएगा। इससे करीब बैराज और विदुरकुटी की 15 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। साथ नारनौर गंगा पुल बनने तथा इससे जुड़ने से हस्तिनापुर, विदुरकुटी और गंगा बैराज की कनेक्टिविटी होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
– कई धरोहर को सहेजे हुए बिजनौर का आंचल
बिजनौर ही नही पश्चिम उत्तर प्रदेश कई धरोहर को सहेजे हुए है। हस्तिनापुर में महाभारत कालीन धरोहर है, तो उससे जुड़ी कई घटनाएं बिजनौर के इतिहास में भी शामिल हैं। बैराज से विदुरकुटी तक मध्य गंगा नहर फेस टू की पटरी बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अभी तक पर्यटकों को बैराज से विदुरकुटी आने के वाया बिजनौर जाना पड़ता है। उक्त नहर की सड़क बनने से समय और किलोमीटर दोनो कम जो जाएंगे।
– बोले अधिकारी
मध्य गंगा नहर फेज टू की पटरी के निर्माण के लिए कार्य योजना बनाई गई है। योजना को स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजा जा रहा है। स्वीकृति के उपरांत अग्रिम कार्य क्रिया जाएगा। इस नहर की पटरी बनने से गंगा बैराज, विदुर कुटी के बीच की दूरी कम होगी और जाम से निजात मिलेगी।