बिजनौर। सामाजिक वानिकी और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बाइक सवार दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से 38 कछुए बरामद हुए है, जिन्हें हरिद्वार ले जाया जा रहा था। न्यायालय के आदेश पर कछुआ को गंगा बैराज नदी में छोड़ दिया। सामाजिक वानिकी के उप क्षेत्रीय वनाधिकारी हरगोविंद सिंह, वन दरोगा परशुराम सिंह, मयंक भट्ट, उप निरीक्षक मो. कय्यूम ने महावतपुर डैम के निकट 38 कछुए बरामद किए। कछुओं की तस्करी से जुड़े घोसीपुरा थाना बांग्ला हरिद्वार निवासी हुकूमत और करीम को बाइक सहित पकड़ा। आरोपियों ने बताया कि बढ़ापुर की खो नदी क्षेत्र से कछुए पकड़ कर उन्हें हरिद्वार ले जाए रहे थे।
सामाजिक वानिकी और पुलिस के संयुक्त अभियान में 38 कछुओं में करीब 30 कछुए वयस्क थे। बाइक से कछुए हरिद्वार ले जाते हुए पकड़े गए घोसीपुरा बांग्ला हरिद्वार निवासी हुकूमत और करीम ने पहली बार कछुआ को पकड़ने की बात स्वीकारी है। उनका कहना है कि देहरादून के एक व्यक्ति ने उन्हें अग्रिम धनराशि 700 रुपये देकर कछुए उपलब्ध कराने को कहा था। कछुए सौंपने से पहले उनकी कीमत तय की जाती।
कछुआ प्रतिबंध जीव है। इसका पालन और पकड़ना दोनों अपराध के श्रेणी में आते हैं। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार पहली बार कछुआ पकड़ने का अपराध करने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। यदि दोबारा कोई व्यक्ति कछुए की तस्करी में पकड़ा जाता है तो उसे 12 साल तक की सजा का प्रावधान है।