कानपुर देहात के कंजड़ गिरोह ने 500 किमी दूर एनसीआर को निशाना बनाते हुए 15 दिन में ताबड़तोड लूट की 10 वारदातों को अंजाम दिया। गिरोह के सदस्यों ने मेरठ में एक ही दिन में तीन वारदात को अंजाम दिया। पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपी पहले मौत के कुएं में बाइक के करतब दिखाते थे। बाद में वे ऐसी वारदात करने लगे। जिससे शहर पुलिस में हड़कंप मच गया था।
एसओजी व थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें सरगना राहुल, गोलू उर्फ दीपक निवासी तुलसीनगर रसूलाबाद एवं कुलदीप उर्फ लला और रामू निवासी मंगलपुर कानपुर देहात शामिल हैं। वहीं, गिरोह के सदस्य विपिन निवासी पटेलनगर कोतवाली उरई जिला जालौन, किशन निवासी तुलसीनगर और भोला उर्फ मानसिंह निवासी मंगलपुर कानपुर देहात फरार हैं।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता की। इसमें बताया कि आरोपियों के पास से दो तमंचे, दो चाकू, लूटी गई दो चेन, एक चेन टुकड़ो में, 170850 रुपये की नगदी और तीन बाइकें बरामद हुई। उन्होंने बताया कि 11 जनवरी को सेंट्रल मार्केट में ई-ब्लॉक निवासी पीसीएस अधिकारी रामजीलाल की पत्नी कुंती अपनी बेटी के साथ खरीदारी करने गई थीं। बाद में दोनों स्कूटी से घर लौट रही थीं। जैसे ही सेक्टर-2 शास्त्रीनगर के मोड़ पर पहुंचीं तो बाइक सवार दो बदमाशों ने कुंती का पर्स लूट लिया था। करीब एक घंटे बाद ही बुढ़ाना गेट स्थित हनुमान मंदिर के सामने से राखी से सोने की चेन भी लूटी गई। इसके कुछ देर बाद ही आबूलेन पर भी एक महिला से चेन लूटी गई थी।
एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह ने ही 17 जनवरी को नौचंदी थाना क्षेत्र में ही गढ़ रोड स्थित एक्सिस बैंक से 50 हजार रुपये लेकर जा रहे राकेश निवासी खरखौदा से लूट की थी। इस वारदात में भी बदमाश स्कूटी पर सवार थे। यह घटनाएं सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थीं। एसओजी और थाना पुलिस की टीम ने सरगना समेत गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके तीन साथी अभी फरार हैं। गिरोह के सदस्यों ने कचहरी के पास एक व्यक्ति से 2.61 लाख रुपये की लूट भी कबूल की। उन्होंने बताया कि वह मेरठ से गाजियाबाद ऐसी 10 वारदातों को अंजाम दें चुके है। पहले की पूरे शहर की रेकी फिर घटनाओं को अंजाम दिया।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह से जुड़े बदमाश ज्यादातर स्कूटी और बाइक का इस्तेमाल करते हैं। वारदात से पहले कई दिन तक रेकी करते हैं। इस दौरान शहर से बाहर जाने वाले मार्गों को भी देखते हैं। इसके बाद बैंक, मुख्य बाजार और पॉश इलाकों में वारदात को अंजाम देते हैं। वारदात करने के दौरान चेहरे पर नकाब नहीं लगाते हैंं। यह जिस शहर को निशाना बनाते हैं, वहां लगातार वारदात कर लौट जाते हैं। लूट का सारा माल मुखिया के पास भेज दिया जाता है।
एसएसपी ने बताया कि महिलाओं-बुजुर्गों और पैदल जाने वाले लोगों को निशाना बनाकर वारदात को अंजाम देते हैं। पकड़े जाने पर नाम-पता गलत बताते हैं। उनके पास से कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
आबूलेन में वारदात के बाद भागते समय गोलू और राहुल घायल हो गए थे। इन्होंने एक निजी अस्पताल में उपचार कराया था। वहीं, एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। लूट में यदि उन्हें कोई मोबाइल मिल जाता है तो उसे वहीं फेंक देते हैं। यह सिर्फ नगदी और जेवरात ही लूटते हैं। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों के आसपास बने सस्ते होटलों में मुसाफिर बनकर रुकते हैं। किसी भी एक होटल में दो दिन से ज्यादा नहीं रुकते हैं।