रांची। भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुमित केशरी को मंगलवार को बदमाशों ने गोली मार दी थी। इलाज के दौरान सुमित केशरी की शनिवार को मौत हो गई। बीजेपी नेता की मौत के बाद हजारों की संख्या में आक्रोशित लोग सड़क पर उतर गए।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड निवासी भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुमित केशरी को अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी थी, जिससे वे घायल हो गए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल नेता को सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां से चिकित्सकों ने उन्हें रांची रेफर कर दिया था। मेडिका में भर्ती सुमित केशरी की हालत नाजुक बनी हुई थी।
बता दें कि 10 जनवरी को सुमित केशरी और उनके भतीजे के साथ रोकड़ेगा मोड़ के समीप दो अपराधियों ने मारपीट की थी। फिर बदमाशों ने सुमित केशरी से उनकी बाइक मंगवाई। बदमाश सुमित को बाइक पर बिठाकर लूटवा गांव ले गए, जहां उन्होंने भाजपा नेता के पैर में गोली मार दी। सिर को भी पत्थर से कूचल दिया। अपराधियों ने भतीजे को किसी को नहीं बताने की धमकी दी थी।
वारदात के डेढ़ घंटे बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस मौके पर पहुंची। घायल नेता का मेडिका अस्पताल में डॉ. गणेश कुमार के देखरेख में इलाज चल रहा था।
भाजपा नेता की मौत की सूचना के बाद पालकोट में अचानक माहौल बदल गया। लोग सड़क पर उतर गए। स्फूर्त दुकानें बंद हो गई। वाहनों के पहिया थम गए। लोगों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। लोगों ने ‘सुमित केसरी को इंसाफ दो’ के तख्ता लिए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उत्तेजित लोगों कुछ वाहनों के शीशा तोड़ दिए। कुछ लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। लोगों का उग्र रूप देखकर इंस्पेक्टर एसएन मंडल, थाना प्रभारी लोगों को समझाने पहुंचे लेकिन लोगों का कहना था कि पुलिस पहले ये बताए कि अब तक उन्होंने क्या कार्रवाई की। इतने दिनों बाद पुलिस खाक छानती रही। वारदात के इतने दिनों बाद भी पुलिस के कुछ भी हाथ नहीं लग सका।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब सुमित केसरी को ले जाया जा रहा था, तब उनसे कहा जा रहा था कि पुलिस की दलाली करते हो, पुलिस को मदद करते हो। इस तरह की बात नक्सली संगठन ही करते हैं। इसके बाद भी पुलिस को कोई सबूत हाथ नहीं लग सका।