शामली. शामली जनपद के 24289 गरीब छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं, क्योंकि उनके गांव में कक्षा 5 के बाद स्कूल ही नहीं है। ऐसे में या तो उनको प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेना पड़ेगा या फिर दूसरे गांवों का रुख करना पड़ेगा। आर्थिक कारणों से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना संभव नहीं है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार 18 हजार छात्र-छात्राओं ने कक्षा पांच और करीब 6 हजार ने कक्षा आठ सरकारी स्कूलों से उत्तीर्ण की है।
वर्ष 2022-23 में जनपद में कक्षा एक से आठ तक के परिषदीय स्कूलों में करीब 96 हजार छात्र-छात्राएं थे। वर्ष 2023-24 में छात्रों की संख्या 71711 रह गई है। इनमें कक्षा पांच उत्तीर्ण करने वाले 18 हजार और कक्षा आठ उत्तीर्ण करने वाले छह हजार विद्यार्थी शामिल हैं। जनपद में 596 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इनमें 212 उच्च प्राथमिक विद्यालय, 384 प्राथमिक विद्यालय और 120 कंपोजिट विद्यालय शामिल हैं।
इनमें 70 ग्राम पंचायतों में कक्षा पांच तक ही परिषदीय स्कूल हैं। ऐसे में कक्षा पांच उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है कि वह कक्षा छह में दाखिला कैसे लें। उनके गांव में माध्यमिक स्कूल ही नहीं है और ऐसे में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेंगे तो परिवार पर अधिक भार पड़ेगा।
सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या घटने का खुलासा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कक्षा पांच उत्तीर्ण कर चुके छात्र-छात्राओं के गांव में आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं है। इसके कारण छात्र-छात्राओं की नामांकन में संख्या घटी है।
कई गांवाें में कक्षा पांच के बाद स्कूल न होने के कारण छात्रों के नामांकन में कमी आई है। इसलिए अप्रैल माह में नामांकन की संख्या 71711 है। कक्षा आठ के बाद तो छात्र वैसे ही दूसरे स्कूल में दाखिला लेते हैं, लेकिन कक्षा पांच उत्तीर्ण छात्रों को दूसरे गांव में जूनियर हाईस्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। -अमित कुमार, जिला समन्वयक शामली।