अमरोहा। अमरोहा लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला। ये स्थिति शहर-कस्बों से लेकर गांव तक रही। हिंदू बहुल इलाकों में कमल खिला तो मुस्लिम बहुल बूथों पर पंजे की बात होती रही। जबकि बसपा के प्रत्याशी अपने कैडर वोट को हासिल करने में कामयाब दिखे। जीत किसकी होगी, ये हाथी की चाल तय करेगी। वहीं, कई बूथों पर बसपा के वोट बैंक में भी सेंधमारी नजर आई तो कुछ बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं के बीच भी असमंजस की स्थिति देखने को मिली।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को अमरोहा लोकसभा सीट पर वोट डाले गए। लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों पर 17,16, 641 मतदाताओं के सामने भाजपा, सपा-कांग्रेस और बसपा समेत 12 उम्मीदवार मैदान में रहे। सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। अधिकांश जगह मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर और कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार कुंवर दानिश अली के बीच ही देखने को मिला। शहर की घनी आबादी से लेकर पॉश कॉलोनियों तक या फिर ग्रामीण इलाकों के मतदान केंद्र पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली।
अधिकांश बूथों पर मतदाता कमल खिलाते दिखे और पंजा भी जीत की ओर बढ़ता दिखाई दिया। हालांकि इन सबके बीच कुछ मतदान केंद्रों पर बसपा भी चर्चा में रही। बसपा प्रत्याशी पार्टी के वोट बैंक को समेटने में कामयाब रहे। इस वोट बैंक पर भाजपा या कांग्रेस प्रत्याशी की सेंधमारी कम नजर आई। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल बसपा के वोट बैंक को अपने पाले में होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जीत किसी की भी हो, निर्भर हाथी की चाल पर रहेगी। यही नहीं भाजपा और कांग्रेस सपा गठबंधन में भितरघात से भी चुनावी समीकरण बदल सकती हैं। फिलहाल अमरोहा का 18वां सांसद बनने का गौरव किसको मिलेगा, इसका फैसला 4 जून को मतगणना के बाद होगा।
इस बार लोकसभा चुनाव में अमरोहा शहर में बूथों पर कुछ अलग ही नजारा दिखाई दिया। जिन मुस्लिम बहुल बूथों पर लाइन लगती थी, वहां सुबह के समय सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। हम बात कर रहे हैं अमरोहा शहर के तुर्क कॉलोनी के बूथ की। यहां सुबह करीब 8:30 बजे केवल 10 से 15 लोग वोट के लिए लाइन में लगे हुए थे। यही स्थिति नगर पालिका और आई एम इंटर कॉलेज में बने बूथों पर देखने को मिली। यहां भी हर चुनाव में मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइन लगी दिखाई देती थी, लेकिन इस बार वह लाइन दिखाई नहीं दी। लोगों में पहले चुनावों की तरह उत्साह भी दिखाई नहीं दिया।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस लोकसभा चुनाव में अमरोहा सीट पर वर्ष 2014 के चुनाव जैसे समीकरण बनने के आसार हैं। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के कंवर सिंह तंवर को 5 लाख 28 हजार 880 वोट मिले थे। जबकि सपा की हुमैरा अख्तर को 3 लाख 70 हजार 666 वोट मिले। वहीं बहुजन समाज पार्टी के फरहत हसन को 1 लाख 72 हजार 993 वोट हासिल हुए थे। इस बार चुनाव में वोटरों की मंशा साफ दिखाई दी। मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के साथ हैं, जबकि बसपा के पास अपना कैडर वोट ही दिखाई दे रहा है। जबकि भाजपा प्रत्याशी को हिंदू वर्ग का वोट मिलने का अनुमान है।
वर्ष 2014
जीते, भाजपा कंवर सिंह तंवर 5,28,880
हारे, सपा हुमैरा अख्तर 3,70,666
हारे, बसपा,फरहत हसन 1,62,983
वर्ष 2019
जीते, बसपा दानिश अली 6,01,082
हारे, भाजपा कंवर सिंह तंवर 5,37,834
हारे, कांग्रेस सचिन चौधरी 12,510
इस लोकसभा चुनाव में शहर और ग्रामीणों इलाकों के बूथों की स्थिति अलग-अलग दिखाईं दी। शहर के बूथों पर जहां सन्नाटा सा देखा गया वहीं गांवों के बूथों पर सुबह और शाम लंबी-लंबी लाइनें दिखाईं दी। अनुमान है कि इस चुनाव में शहर से ज्यादा गांवों के बूथों पर बंपर वोटिंग हुई हैं। जिसकी वजह से मतदान प्रतिशत अच्छा रहा है।