लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एनजीटी न्यायालय के निर्देशों के अनुसार प्रदेश के 13 शहरों में पटाखों की बिक्री और उसे जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। जिन शहरों में  प्रदूषण का स्तर खराब (एक्यूआई 200-300), बहुत खराब (एक्यूआई 300-400) और गंभीर (400 से ऊपर) है वहां पर यह प्रतिबंध लागू रहेंगे।
इसमें मुज़फ्फरनगर का प्रदूषण का स्तर खराब, आगरा, वाराणसी, मेरठ और हापुड़ का स्तर बहुत खराब जबकि गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर और मुरादाबाद में प्रदूषण स्तर गंभीर स्थिति में है।
इसमें मुजफ्फरनगर मेरठ हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत और बुलंदशहर एनसीआर क्षेत्र में आते हैं। जबकि जहां एक्यूआई 200 से नीचे है वहां एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने इस बार ग्रीन पटाखों और डिजिटल व लेजर तकनीक से दीपावली की खुशियां मनाए जाने को कहा है।
प्रशासन के इस निर्णय से पटाखा कारोबारियों हड़कंप मचा है। इस निर्णय से उन्हें करोड़ों का नुकसान होगा। अगर सिर्फ लखनऊ की ही बात करें तो जिले में 46 बड़े लाइसेंसी पटाखा कारोबारी हैं जबकि 200 से ऊपर छोटे कारोबारी हैं।
वायु प्रदूषण रोकने के लिए सभी विकास प्राधिकरणों से रिपोर्ट तलब
आवास विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़-पिलखुवा, बुलंदशहर-खुर्जा, बागपत-बड़ौत-खेकड़ा, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर विकास प्राधिकरणों को वायु प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उसने सभी विकास प्राधिकरणों से निर्माण से जुड़ी गतिविधियों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की रिपोर्ट भी मांगी है। विभाग ने यह जानकारी प्रदेश में वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की गाइडलाइन के मद्देनजर मांगी है।

दरअसल, इस साल दिवाली से पहले ही दिल्ली समेत उप्र, हरियाणा व पंजाब के अधिकांश क्षेत्रों में जानलेवा वायु प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसे नियंत्रित करने को लेकर एनजीटी ने गाइडलाइन जारी की है। इसके मदद्ेनजर आवास विभाग ने वायु प्रदूषण फैलाने वाली परियोजनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगर किसी भी प्रोजेक्ट में निर्माण कार्यों से वायु प्रदूषण हो रहा है तो उस निर्माण को तत्काल रोक दिया जाए। इसके मद्देनजर आवास विभाग ने सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश जारी किया है।
इसमें निर्माण सामग्री को ढंककर रखने और उस पर पानी का छिड़काव करते रहने को कहा है। इसी तरह ढुलाई करने वाले वाहनों की धुलाई कर चलाने, सड़कों के किनारे मलबा न रखने, पेड़ों से गिरने वाली पत्तियों व पार्कों से निकले वाले घास-फूस को जलाने के बजाय कम्पोस्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।