मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में समाजसेवियों ने प्रदर्शन करते हुए बिलकीस बानो कांड के दोषियों की रिहाई पर रोष प्रकट किया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने गुजरात सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये। मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में न्याय संगत कार्रवाई की मांग की।
बिलकीस बानो कांड के दोषियों के स्वागत पर सवाल
मंगलवार को समाजसेवी एड.तरूण सौदे के नेतृत्व में आए लोगों ने गुजरात दंगों की पीड़ित बिलकीस बानो कांड में उम्रकैद की सजा पाए 11 दोषियों को स्वतंत्रता दिवस पर माफ कर रिहा करने के मामले में आक्रोश जताया। उन्होंने इसे न्याय का कत्ल बताया। तरूण सौदे एडवोकेट ने इस मामले में मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के नाम एक ज्ञापन डीएम के माध्यम से भेजा।
इसमें कहा कि सन 2002 में गुजरात में हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान रणबीरपुर गांव निवासी बिलकीस बानो जोकि पांच महीने की गर्भवती थी। गैंगरेप करने के साथ ही उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गयी थी, इनमें 3 साल की बच्ची का कत्ल भी शामिल है। इस केस में उसी के गांव के वह लोग शामिल रहे, जिनके वह भाई, काका और ताऊ कहकर पुकारती रही।
इस मामले में 2008 में बिलकीस बानो को न्याय मिला और सीबीआई कोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को दोषी मानते हुए उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन 15 अगस्त 2022 को आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर गुजरात सरकार ने इन 11 दोषी अपराधियों की सजा माफ करते हुए उनको रिहा कर दिया गया। उनका गांव में तिलक कर स्वागत किया गया। जबकि उसी दिन लाल किले से प्रधानमंत्री देशवासियों से महिलाओं के सम्मान की सुरक्षा करने की अपील कर रहे थे।
तरूण सौदे ने कहा कि साल 2014 में गुजरात सरकार ही यह नीति लेकर आई थी कि दो या दो से अधिक लोगों की हत्या, बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के सजायाफ्ता कैदियों की सजा माफ नहीं की जायेगी, फिर किस नीति और नियम के तहत इन 11 दोषियों की सजा को माफ कर जेल से रिहा किया गया है।
उन्होंने कहा कि पहले तो इन दोषियों को इतना वीभत्स कांड करने पर आजीवन कारावास नहीं बल्कि फांसी होनी चाहिए थी। लेकिन आजीवन कारावास भी माफ कर दिया गया। इससे न्याय से लोगों का विश्वास उठ जायेगा। उन्होंने सीजेआई से मांग करते हुए कहा कि वह इस मामले में संज्ञान लेकर न्यासंगत कार्रवाई करायें, ताकि लोगों का न्यायपालिका की व्यवस्था और न्याय पर विश्वास बना रहे। इस दौरान मुख्य रूप से तरूण सौदे, बाबू सिंह बौद्ध, रूपा कुमारी, दीपक गम्भीर, साजिद आदि मौजूद रहे।