पटना । बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार कायम रहेगी, इसकी उम्मीद कम दिख रही है। भाजपा और सहयोगी दलों ने तो अगले शपथ ग्रहण की तारीख भी बता दी है। क्या हो रहा, क्या कह रहे कौन…जानें।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के राजभवन नहीं पहुंचने पर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह बात उनसे ही पूछे। जो यहां नहीं आएं उनसे ही सवाल पूछिए। यह कहते हुए सीएम नीतीश कुमार मुस्कुराते हुए अपनी गाड़ी में बैठे और राजभवन की ओर रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज भवन पहुंचे हैं। भाजपा के वरीय नेता भी मौजूद हैं। तेजस्वी यादव का इंतजार किया रहा है। हालांकि गणतंत्र दिवस समारोह के बाद हर साल राज्यपाल द्वारा भोज का आयोजन किया जाता है इसमें सभी सियासी दल के प्रमुख नेताओं को राज्यपाल लंच पर आमंत्रित करते हैं।
गणतंत्र दिवस के मौके पर स्वतंत्रता आंदोलन के उन वीर पुरुषों को नमन करते हुए मैं यही कहना चाहता हूं कि हम लोग को कभी यह नहीं भूलना चाहिए। यह कुर्बानी का फल है कि हम लोगों को आजादी मिली और इसकी गरिमा का हम सभी को ख्याल रखना चाहिए। हमारे नेता की मांग लगातार रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। आज मैं इस मांग को फिर से उठता हूं। सियासी हलचल के सवाल पर उमेश कुशवाहा ने कहा कि अटकलें पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। अगर बीजेपी कुछ बोल रही है तो उनसे पहले पूछा जाना चाहिए। वहीं रोहिणी आचार्य के ट्वीट के सवाल पर उन्होंने कहा कि रोहिणी जी ना तो पार्टी में किसी पद पर हैं और ना ही पार्टी की कोई प्रवक्ता हैं। इसलिए उनके ट्वीट पर ध्यान नहीं देना चाहिए। आप लोग से अनुरोध है कि आप लोग कोई प्रयास नहीं लगाएं। सरकार चल रही है। सीट शेयरिंग के सवाल पर कहा कि हम तो मान रहे हैं कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है पुणे घटक दल के साथ बैठकर विचार करना चाहिए और आप मंथन करना चाहिए। कोई भी निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता लेंगे।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गुरुवार रात की बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति पर बात हुई। जहां तक नीतीश कुमार या जदयू का सवाल है तो राजनीति में दरवाजे हमेशा बंद नहीं होते, अगर दरवाजा बंद रहता तो खुल भी सकता है। राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी हो सकता है। केंद्रीय नेतृत्व का जो निर्णय होगा वह सर्वमान्य होगा। पटना में सोमवार को कार्यसमिति की बैठक पर उन्होंने कहा कि यह रूटीन बैठक है। इधर, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि तमाम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा। बिहार में राजनीतिक स्थिरता का माहौल चल रहा है। या बिहार के लिए ठीक नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व इस पर जल्द ही निर्णय लेगा। सीएम नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खुलने के सवाल पर कहा इस पर निर्णय केंद्र नेतृत्व लेगा।
बिहार में सियासी हलचल के बीच गुरुवार को भाजपा ने अपने सभी विधायकों को पटना बुला लिया। उधर भाजपा बिहार के नेताओं के साथ आज फिर दिल्ली में बैठक कर रही है। भाजपा आलाकमान ने बिहार के सभी सहयोगी पार्टियों पर राय ली है। कई नेताओं के साथ शाम 4 बजे के बाद बैठक की सूचना आ रही है। पटना में नीतीश कुमार ने भी देर शाम अपने करीबी मंत्रियों और नेताओं की बैठक बुलाई है। लालू यादव पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर गुरुवार को भी मैराथन बैठक कर रहे थे और शुक्रवार को भी तेजस्वी यादव से बात कर रहे हैं। उनके विश्वस्त नेताओं के साथ बैठक बीच-बीच में हो रही है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार की रात पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से मुलाकात को अनौपचारिक मुलाकात कहा। भतीजा अपने चाचा से मिलने आया है- यह कहा। लेकिन, अब जीतन राम मांझी ने अपनी बताई मियाद से आगे बढ़ते हुए कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार खत्म हो चुकी है। औपचारिकता बाकी है। जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज ही हो जाएगा का जी? खेला आउर का…। हालांकि, मांझी ने महागठबंधन में शामिल होने की बात को अफवाह बताया और कहा कि कुछ भी हो जाए राजद के साथ वह नहीं जाएंगे। यह सब अफवाह है।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर सीएम नीतीश कुमार का पीएम मोदी के प्रति आभार जताना और फिर मुख्यमंत्री का परिवारवार पर वार करना बिहार में नया राजनीतिक गुल खिला रहा है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर इस राजनीतिक अंकुर को सींच दिया। गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री की डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दूरी साफ दिखी। फिर सीएम आवास और राबड़ी आवास में अलग-अलग बैठकें। भाजपा विधायकों का पटना में जुटान। बड़े नेताओं का दिल्ली बुलावा। रात में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से भेंट। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को भी अब दिल्ली बुलाना। यह सब हो चुका है।