हरियाणा के करनाल में पांच लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए डीटीपी विक्रम और उसके ड्राइवर बलबीर को हरियाणा स्टेट विजिलेंस टीम ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है, हालांकि पुलिस ने कोर्ट से पांच दिन का पुलिस रिमांड मांगा था। आरोपी के पास गुरुग्राम का भी अतिरिक्त कार्यभार था। इसलिए विजिलेंस जांच का दायरा वहां तक भी पहुंचेगा।
विजिलेंस के एक अधिकारी के अनुसार पूछताछ में विजिलेंस कई सवालों का जवाब खंगालते हुए यह भी पता लगाएगी कि रिश्वत की राशि डीटीपी द्वारा किन-किन अफसरों और कर्मचारियों में बांटी जाती थी। इसी तरह आरोपी की चल-अचल संपत्ति की जांच भी की जाएगी। जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही है, डीटीपी के संपर्क में रहने वाले अफसरों और कर्मचारियों में भी खलबली का माहौल बन रहा है।
उधर, विजिलेंस का दावा है कि पुलिस की प्राथमिक जांच में आरोपी विक्रम सिंह ने घर से बरामद हुए 78.64 लाख का खुलासा कर दिया है कि संबंधित रकम रिश्वत की ही है। ये रुपये अलग-अलग बैग में रखे हुए थे। जिन्हें उसेे अपने पंचकूला आवास में ले जाना था।
गौरतलब है कि पानीपत निवासी परमजीत ने हरियाणा स्टेट विजिलेंस को शिकायत दी थी, उसने घरौंडा के अलीपुरा खालसा गांव से हरिसिंह पुरा रोड पर 22 कनाल 3 मरले जमीन ली है। उस पर कॉलोनी काटी जा रही है। इस कारण उसे डर था कि इस जमीन पर निर्माण कार्य किया तो डीटीपी उसे तोड़ सकता है।
इस कारण वह एक सप्ताह पहले डीटीपी के कार्यालय में गया था तो वहां उसने डीपीटी विक्रम के ड्राइवर बलबीर से बात की तो उसने उसे डीटीपी से मिलवाया। डीटीपी ने कॉलोनी में तोड़फोड़ न करने की एवज में उससे दस लाख रुपये मांगे थे, लेकिन उसने देने में असमर्थता जताई तो पांच लाख रुपये में बात बन गई थी।
पांच लाख रुपये डीटीपी विक्रम को उसके घर शुक्रवार को दिए जाने थे। इस शिकायत पर विजिलेंस ने अपना जाल बिछाते हुए इंस्पेक्टर सचिन की अध्यक्षता में टीम का गठन किया और शुक्रवार को आरोपी डीटीपी विक्रम को पांच लाख और उसके ड्राइवर बलबीर को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों काबू किया था।
स्टेट विजिलेंस की टीम ने शनिवार को आरोपी डीटीपी विक्रम सिंह व उसके ड्राइवर बलबीर को शनिवार दोपहर करीब दो बजे न्यायाधीश हरलीन पाल की कोर्ट में पेश किया। करीब 15 मिनट तक आरोपी कोर्ट रूम में रहा। कोर्ट रूम से बाहर आने के बाद विजिलेंस की टीम दोनों आरोपियों की मीडिया की नजर से बचाते हुए परिसर में ही आरोपियों को दौड़ाकर ले जाती नजर आई।
इस मामले में स्टेट विजिलेंस ने आरोपी की चल-अचल संपत्ति को खंगालने के लिए कई टीमें लगा दी हैं। विजिलेंस अफसर ने बताया कि आरोपी ने कार, फ्लैट आदि कई संपत्तियां कैश में खरीदी हुई है। वहीं, पुलिस की एक टीम सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी खंगाल रही है जिससे खुलासा होगा कि आरोपी के घर कौन-कौन आता-जाता था। वहीं, शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की भी पूरी जानकारी पुलिस जुटा रही है।
हरियाणा स्टेट विजिलेंस के इंस्पेक्टर सचिन ने कहा कि आरोपी से गहनता से पूछताछ की जा रही है। आरोपी के पास गुरुग्राम का भी अतिरिक्त कार्यभार था। इसके चलते वहां भी जांच की जाएगी। लोगों से भी अपील है कि जिन लोगों से डीटीपी विक्रम ने रिश्वत के रुपये मांगे है या उन्होंने दिए हैं। वह विजिलेंस को इस बारे में जानकारी दें। उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। लोग इन टोल फ्री 1064, 18001802022 नंबर जानकारी दे सकते हैं।