करनाल. हरियाणा के करनाल में सेक्टर-8 स्थित राजपूत धर्मशाला में नकली पुलिस कर्मी बनकर सेक्टर-7 निवासी तुषार भाटिया को डरा धमका कर 40 हजार रुपये मांगने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस का कहना है कि यह गैंग पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को मजबूर करके लूटपाट, षड्यंत्र रचकर झूठे केस में फंसाने का भय दिखाने व अवैध हथियार रखने जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देते थे।
सेक्टर नौ चौकी प्रभारी एएसआई सुलेंद्र ने बताया कि उनके साथ मुख्य सिपाही विनोद, मुख्य सिपाही जितेन्द्र, एसपीओ दलबीर सिंह व एसपीओ सुरजीत सिंह ने मामले की जांच करते हुए सात मार्च की देर रात पांच आरोपी नरेश कुमार, मंदीप कुमार निवासी गांव बुसन जिला भिवानी, सोमबीर निवासी गांव रूपगढ़ जिला जींद, कृष्ण कुमार उर्फ नंबरदार निवासी गांव बांगबाला जिला भिवानी व तरुण उर्फ बोनी निवासी गांव जेवली जिला चरखी दादरी को ग्रीन बेल्ट सेक्टर-9 से गिरफ्तार किया।
वारदात का मास्टरमाइंड आरोपी मंदीप व तरुण है। इन्होंने ही जल्द अमीर बनने के लिए पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को डरा धमका कर झूठे केस में फंसाने व उस केस में से नाम हटाने की बात कर रुपये लूटने का प्लान तैयार किया था। आरोपी अपने जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में ऐसी वारदातें करने की योजना बनाते थे।
ये आरोपी शिकायतकर्ता तुषार भाटिया से रुपये लेने आए थे। आरोपी कृष्ण कुमार एक आदतन अपराधी है। आरोपी के खिलाफ विभिन्न जिलों में लूट, डकैती, हत्या, चोरी व झगडे़ के करीब 13 मामले दर्ज हैं। कई मामलों में आरोपी जमानत पर चल रहा था। आरोपी तरुण के खिलाफ लूट व डकैती के हिसार में मामले दर्ज हैं।
इन मामलों में आरोपी अभी फरार चल रहा था। आरोपियों के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल वैगनार कार, देशी कट्टा, एक एएसआई रैंक की पुलिस वर्दी, दो डमी पिस्तौल, दो डमी वॉकी टॉकी सेट, दो हथकड़ी व नकदी बरामद की है।
ये था मामला
सेक्टर-9 चौकी प्रभारी सुलेंद्र ने बताया कि तीन मार्च को सेक्टर-7 निवासी तुषार भाटिया ने शिकायत दी थी कि दो मार्च की सुबह वह अटल पार्क करनाल की तरफ टहलने गया था। पार्क के बाहर एक गुुरुग्राम नंबर की वैगनार कार खड़ी थी। गाड़ी में बैठे लड़के ने उसे आवाज दी और अपने पास बुलाया। उससे बोला कि कल करनाल में मेरा इंटरव्यू है।
फिर बाजार के बारे में पूछने लगा। उसके बाद बातों-बातों में दोनों की दोस्ती हो गई। जिसने अपना नाम तरुण धानक बताया और कहने लगा कि वह राजपूत धर्मशाला सेक्टर-8 में कमरा नंबर 5 में ठहरा है। उसका खाना भी उसी कमरे में रखा है। वह उसे अपने साथ कमरे में ले गया। वहां कुछ समय बाद चार अज्ञात लड़के आए।
जिनमें से एक ने स्टार लगी पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और बाकी सिविल वर्दी में थे। उन्होंने कमरे में रखे सामान की तलाशी ली और बैग में से दो पिस्टल व सफेद रंग के पाउडर के कुछ पैकेट मिले। इसके बाद वह नंबर की बात कहकर उसे थप्पड़ मारने लगे।
इसके बाद उन नकली पुलिस कर्मचारियों ने तरुण धानक को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर लिया और उसे केस से बाहर निकालने की बात कहकर 40 हजार रुपये की मांग की। उस समय आरोपी के पास केवल सात हजार रुपये थे जो उन्होंने छीन लिए और उसे दो दिन का समय देकर छोड़ दिया। इसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।