मेरठ. जिला पंचायत की बोर्ड बैठक बुधवार को जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई। बोर्ड बैठक में सदस्यों ने 125 करोड़ से अधिक बजट के प्रस्ताव प्रस्तुत किए और उन्हें स्वीकार करने के लिए बोर्ड से तमाम तर्कों के साथ आग्रह किया। जबकि जिला पंचायत का बजट मात्र ₹22 करोड़ रुपए ही है। इसके अलावा गांव देहात से जुड़ी तमाम समस्याओं को लेकर भी चर्चा की गई और बोर्ड बैठक में मौजूद अधिकारियों से उनके समाधान की मांग की गई।
जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में पूर्व की बैठक में प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव और पास होने वाले प्रस्तावों को लेकर चर्चा की गई। पूर्व की बैठक में सभी प्रस्तावों को पास कर दिया गया था। इसके बाद पंचम राज्य वित्त और केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा प्राप्त होने वाले विकास कार्यों के बजट को लेकर चर्चा की गई। राज्य वित्त और केंद्र वित्त आयोग द्वारा जिला पंचायत को कुल 22 करोड़ रुपए की मदद प्राप्त हुई है। जबकि जिला पंचायत के 33 सदस्यों ने 125 करोड़ के विकास कार्यों से संबंधित प्रस्ताव बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किए हैं।
कम बजट और अधिक प्रस्ताव होने के कारण अधिकांश प्रस्तावों में कटौती करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा बोर्ड बैठक में मौजूद सीडीओ शशांक चौधरी ने काली नदी की स्वच्छता, ग्राम पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण, पुस्तकालय का सुंदरीकरण और तालाबों की सफाई आदि में भी जिला पंचायत की भूमिका बढ़ाने का आग्रह किया। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में पहुंचे सरधना विधायक अतुल प्रधान ने भी तमाम ग्रामीण क्षेत्र के मुद्दों को उठाया और उन्हें पूरा करने के लिए बैठक में मौजूद अधिकारियों से सवाल जवाब किए।
बैठक में सबसे अधिक समय तक विधायक अतुल प्रधान ने ही मंच को संभाले रखा और तमाम बिंदुओं को बोर्ड बैठक में उठाया। इस दौरान कई जिला पंचायत सदस्य असहज भी महसूस कर गए। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने विकास कार्यों पर अधिक ध्यान देने के आश्वासन के साथ बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी। बैठक में तमाम विभागों के अधिकारी गायब रहे। इसके अलावा कई जिला पंचायत सदस्यों के पुत्र और पति मौजूद रहे।