
मुजफ्फरनगर जनपद के सभी थानों पर धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई है। भाकियू कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार के विरुद्ध भोपा थाने के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। बैरिकेडिंग होने के कारण भाकियू कार्यकर्ता थाने के मुख्य द्वार पर ही धरना प्रदर्शन के लिए बैठ गए हैं। पुलिस भाकियू पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास कर रही है। धरना प्रदर्शन में जिला महासचिव योगेश शर्मा, जिला संगठन मंत्री अरविंद राठी, ब्लॉक अध्यक्ष विकास चौधरी, जुल्फिकार हबीब आदि सहित लगभग पांच दर्जन कार्यकर्ता मौजूद हैं। धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है। हालांकि संभावना है कि जल्द ही भाकियू कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा सीओ भोपा को ज्ञापन देकर धरना समाप्त किया जा सकता। वहीं मेरठ में सरूरपुर के कस्बा करनावल में पिछले 42 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे धरने को पुलिस ने गुरुवार को समाप्त करा दिया। पुलिस धरनास्थल पर लगे टैंट को उखाड़ ले गई। पुलिस ने धरनास्थल से किसानों को खदेड़ दिया और कार्रवाई करने की हिदायत दी।
भाकियू की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। जनपद के सभी थानों के बाहर बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष धीरज लाटियान ने बताया कि संगठन के निर्णय के अनुसार कार्यकर्ता थानों पर धरना प्रदर्शन करेंगे।
उधर, शामली में भी थानों पर बैरिकेडिंग कर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने और बड़ौत में किसानों को धरने से उठाए जाने से जिले के किसानों में आक्रोश है।
मुजफ्फरनगर में भाकियू ने थानों पर प्रदर्शन को देखते हुए जनपद में पुलिस को अलर्ट किया गया है। सुबह से ही थानों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही गांवों में भी बैठक कर किसानों से शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा की घटना पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत का कहना है कि हमें उम्मीद नहीं थी कि ऐसा होगा। जो हुआ बहुत गलत हुआ है। हम हिंसा के विरुद्ध हैं और इसकी निंदा करते हैं। दिल्ली की हिंसा के जो भी दोषी है, जांच कराकर उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। लाल किले पर हिंसा करने वाले भाकियू कार्यकर्ता नहीं थे। हमारे किसान वहां नहीं गए। तीनों कृषि कानूनों का विरोध जारी है, बिना समझौते के गाजीपुर बॉर्डर से नहीं उठेंगे। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर ऐसी हिंसा होना इतिहास पर काला दाग है। लाल किले पर सुरक्षा इतनी कमजोर क्यों थी, यह चूक कहां हुई, इसकी जांच होनी चाहिए। जिन्होंने लाल किले पर हिंसा की और तिरंगे के बजाए अन्य झंडा फहराया, उनकी पहचान कर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए। भाकियू कार्यकर्ता लाल किले पर नहीं गए, वो गाजीपुर से लोनी बॉर्डर की ओर होकर वापस आ गए थे।
राकेश टिकैत द्वारा लाठी और झंडा लेकर आने की भड़काऊ वीडियो वायरल होने के सवाल पर भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि डंडे लाने को झंडा लगने के लिए कहा था। राकेश टिकैत पर मुकदमा दर्ज होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुकदमे दर्ज हुए हैं, तो निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, यदि दोषी पाए गए जो जेल भी जाएंगे। संगठन के बारे में उन्होंने कहा कि भाकियू संगठन मजबूत है और कार्यकर्ता अनुशासित है। आगे की रणनीति के सवाल पर भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ही ऐसे हालात पैदा कर रही है। मिल बैठकर वार्ता करनी चाहिए।
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