
तनाव को देखते हुए गुरुवार को देशखाप के थांबेदार ब्रजपाल चौधरी के बड़ौत स्थित आवास पर पुलिसबल तैनात कर दिया गया। छपरौली चुंगी पर भी पुलिस तैनात है।
उधर, रालोद कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही है। थांबेदार ब्रजपाल चौधरी का कहना है कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर बुजुर्ग किसानों को हटाया है। यह लोकतंत्र की हत्या है। किसानों की आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जिले के किसान जो फैसला करेंगे, उस पर आगे बढ़ा जाएगा। किसानों से मशवरा किया जा रहा है। दिल्ली हिंसा के बाद बड़ौत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर भी पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे पुलिस धरना स्थल पर पहुंचकर हल्का बल प्रयोग कर धरनास्थल खाली करा लिया। पुलिस फोर्स ने लाठियां फटकार कर किसानों को दौड़ा लिया। इससे पहले बुधवार दोपहर एसडीएम दुर्गेश बड़ौत के कक्ष में एडीएम अमित कुमार, एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने किसानों के प्रतिनिधि थांबेदार ब्रजपाल सिंह, चौबासी खाप चौधरी सुभाष सिंह, आचार्य बलजोर सिंह आर्य, विक्रम आर्य और विश्वास चौधरी से बातचीत की। पुलिस-प्रशासन का कहना था कि धरना समाप्त कर दें। करीब ढाई घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही थी। किसानों ने 31 जनवरी को महापंचायत बुलाने का एलान किया था। रात में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर धरनास्थल खाली करा लिया।
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