इस्लामाबाद. पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश की आखिरी उम्मीद अब आईएमएफ से मिलने वाली वित्तीय मदद है लेकिन कई कठोर शर्तों और लंबी बातचीत के बाद भी पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है. हालांकि बीच पाकिस्तान के लिए एक राहत भरी खबर है. पाकिस्तान के आर्थिक जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान अपनी ब्लू इकोनॉमी के दम पर अपनी किस्मत बदल सकता है.
ब्लू इकोनॉमी से मतलब एक खास तरह का वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट है, जो सभी तरह की तटीय गतिविधियों को कवर करता है. ब्लू इकोनॉमी में ऊर्जा यानी तेल, गैस और रिन्यू बल एनर्जी के अलावा शिपिंग, मैरीटाइम, कृषि, फिशरीज और पर्यटन सेक्ट र्स शामिल होते हैं.
पाकिस्तान तटीय रेखन 1050 किलोमीटर तक फैली है, पाकिस्तायन के आर्थिक जानकारों का दाव है कि ब्लूट इकोनॉमी 100 अरब डॉलर तक की इनकम पैदा कर सकती है. पाकिस्तान के जानकारों के मुताबिक पूरी दुनिया इस समय ब्लूस इकोनॉमी और इसके संसाधनों पर निर्भर है. उनका कहना है कि ब्लूस इकोनॉमी उनके रेवेन्यू में जबरदस्त ढंग से इजाफा कर सकती है.
इस बीच पाकिस्तान की आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. आम लोगों को बुनियादी जरुरतों की चीजों को हासिल करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हाल के दिनों में सरकारी वितरण कंपनी से मुफ्त आटा लेने की कोशिश में महिलाओं समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है.
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान में आसमान छूती महंगाई से राहत देने के लिए सरकार द्वारा विशेष रूप से पंजाब प्रांत में गरीबों के लिए मुफ्त आटा योजना शुरू किए जाने के बाद सरकारी वितरण केंद्रों पर कई लोगों की मौत की सूचना मिली.