नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराजगंज में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। कहा कि ये घोर परिवारवादी लोग गरीबों के लिए कभी नहीं सोचते हैं। अगर ये बीमार पड़ते हैं तो इलाज के लिए विदेश चले जाते हैं। लेकिन गरीबों के इलाज के लिए मोदी ने योजना चलाई है। ये घोर परिवारवादी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए विदेश भेजते हैं, लेकिन गरीबों के लिए नहीं सोचते हैं। हम अब ऐसी शिक्षा नीति लेकर आए हैं, जिसकी मदद से बिना अंग्रेजी पढ़े गरीब घर के बच्चे डॉक्टर बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के महराजगंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैली को संबोधित कर रहे हैं। यहां उन्होंने कहा कि भारत में बनी जिस कोरोना वैक्सीन पर हर हिंदुस्तानी को गर्व होना चाहिए था उस वैक्सीन के खिलाफ इन परिवारवादियों ने देश के गरीबों को भड़काने की कोशिश की।
जौनपुर के मछलीशहर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी रैली की। यहां उन्होंने कहा कि 2014 में 18,000 गांव में बिजली नहीं थी और अब 18,000 गांव में 24 घंटे बिजली है। पहले हफ्ते में 3-4 दिन बिजली रहती थी और जब सुबह बिजली रहती थी तो शाम को नहीं रहती थी, शाम को बिजली रहती थी तो सुबह नहीं रहती थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया में चुनावी रैली की। यहां उन्होंने कहा कि पांच चरणों के चुनाव के बाद मैं कह सकता हूं कि भाजपा पूर्ण बहुमत से आगे चल रही है। छठे और सातवें चरण में हम छक्का मारने के लिए आए हैं जिससे हम 300 पार के लक्ष्य को फिर से प्राप्त कर सकें।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अंबेडकर नगर के जलालपुर में चुनावी रैली की। यहां उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली देंगे। इसके साथ ही हम बुनकरों को भी फ्लैट रेट पर बिजली मिलेगी। गन्ना किसानों को अपने भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए अलग से बजट बनाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के विष्णुपुरी में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। बोले, ये लोग अवसरवादी हैं। इन लोगों का उद्देश्य हर हाल में सत्ता में बने रहना है। इसलिए ये चाहते ही नहीं कि प्रदेश का विकास हो।
रविवार को पांचवें चरण की 61 सीटों के मतदान में ज्यादातर सीटों पर सीधी लड़ाई हुई। कुछ सीटों पर बसपा व कांग्रेस प्रत्याशियों ने त्रिकोण बनाया है। इसका नतीजों पर असर नजर आएगा। कुछ सीटों पर मतदान के ठीक पहले घटी कुछेक घटनाओं का असर भी मतदान के दौरान दिखा है। इसका किसी को फायदा तो किसी को नुकसान उठाना पड़ा है। कई सीटों पर प्रत्याशियों की छवि ने भी असर दिखाया है। लेकिन, मुस्लिम व यादवों की एकजुटता के बीच प्रत्याशियों की जाति-बिरादरी के अनुसार मतों का बिखराव, मुफ्त राशन व बेहतर कानून-व्यवस्था का फैक्टर एक समान हर जगह हावी नजर आया। चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाए जाने वाले मुद्दे मतदान में ज्यादा प्रभावी नहीं दिखे। हालांकि, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने से जुड़े फैक्टर का कहीं-कहीं प्रभाव नजर आया। कई सीटों पर प्रचार तक दूसरा प्रभावी नजर आ रहा था, मतदान के दिन किसी दूसरे का पलड़ा भारी नजर आया।
प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में जाति-पात पर शनिवार को हुए मतदान में विकास का मुद्दा भारी रहा। इसके साथ-साथ प्रत्याशी के चेहरे पर भी जमकर वोटिंग हुई। कीडगंज, अतरसइुया, कोतवाली, मुट्ठीगंज, दारागंज व नैनी में मतदान केंद्रों पर उत्सव जैसा माहौल दिखा। यहां दो प्रत्याशियों में सीधे टक्कर देखने को मिली लेकिन कुछ केंद्रों पर अन्य प्रत्याशी भी लड़ाई में दिखे।
वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी की वजह से चर्चा में रहने वाली गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट पर इस बार नए समीकरण बने हैं। भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले मुख्य लड़ाई में बसपा रहती थी। सपा और भाजपा दूसरे या तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ती थीं। इस बार ऐसा नहीं है। ब्राह्मण मतों के बिखराव से चिल्लूपार की लड़ाई संघर्षपूर्ण हो गई है। सियासी पंडितों का मानना है कि ब्राह्मणों का जिसे भी ज्यादा समर्थन मिलेगा, वही भारी साबित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराजगंज में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री की सभा सोमवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के पीछे मैदान में होगी। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज होने वाला रोड शो ऐतिहासिक होगा। इसकी तैयारियों में भाजपा नेता जुटे हैं। रोड शो को सफल बनाने की जिम्मेदारी जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह को मिली है। वह गोरखपुर आ गए हैं। इससे पहले जलशक्ति मंत्री ने बरेली, झांसी, अयोध्या व प्रयागराज में सफल रोड शो कराया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव पर पलटवार किया है। योगी ने एक ट्वीट कर कहा, ‘हां मैं भगवाधारी हूं।’ इस ट्वीट के साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का एक वीडियो भी शेयर किया है।
इसमें उन्होंने डिंपल यादव के बयान का जिक्र करते हुए बगैर किसी का नाम लिए कहा ‘एक बात मुझे बहुत खटकी है। आपने सपा के कुछ लोगों के बयान सुने होंगे। वो बयान सृष्टि का भी अपमान है। सनातन धर्म और संत समाज का भी अपमान है। भगवा को उन्होंने जंग के साथ जोड़ा है, लेकिन हां, मैं कह सकता हूं कि मैं भगवाधारी हूं। हर उत्तर प्रदेशवासी कहेगा, हम भगवाधारी हैं। इसलिए बोलेंगे क्योंकि ये भगवा सृष्टि की ऊर्जा का रंग है। सूर्योदय जब होता है तब भगवान सूर्य का रंग भी भगवा ही होता है।’
डिंपल ने क्या कहा था?
डिंपल ने भगवा को जंग लगे लोहे की तरह बताया था। कहा था, ‘ये जो डबल इंजन की सरकार है। जब इंजन में जंग लग जाता है, जंग का रंग क्या होता है? मुझे लगता है जिस रंग के हमारे मौजूदा मुख्यमंत्री कपड़े पहनते हैं उसी रंग का होता है तो ऐसे जंग वाले इंजन को हटाने का समय आ गया है।’
कम मतदान के लिए बदनाम प्रयागराज शहर उत्तरी सीट इस बार भी जिले में मतदान प्रतिशत में सबसे नीचे पायदान पर रही। जिले की यह एकमात्र ऐसी सीट रही, जहां कांग्रेस संघर्ष करते हुए दिखी। उत्तरी विधानसभा के तमाम बूथों पर वर्तमान भाजपा विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी की कांग्रेस प्रत्याशी अनुग्रह नारायण सिंह के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। हालांकि यहां शुरूआती चार घंटे में महज दस फीसदी ही मतदान होने से प्रमुख दलों प्रत्याशी खासे परेशान दिखे। कटरा स्थित भारत स्काउट गाइड इंटर कालेज के सभी बूथों में सुबह 11 बजे तक आठ फीसदी ही मत पड़े। हालांकि दोपहर तीन बजे तक यहां बूथ संख्या 143 में 854 में से 327 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे।
विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में रविवार को मतदाताओं ने कई दिग्गज नेताओं का भविष्य ईवीएम में बंद कर दिया। इस बार भी मतदान प्रतिशत करीब पिछली बार जैसा है लेकिन शहर की तीनों सीट पर आमने-सामने की लड़ाई है। मतदान प्रतिशत के भी अपने-अपने तरीके से निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं। ऐसे में शहर दक्षिणी से भाजपा उम्मीदवार नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पश्चिमी के सिद्धार्थनाथ सिंह के लिए चुनाव कठिन माना जा रहा है। इनके अलावा करछना से सपा के उज्जावल रमण सिंह को भी कड़ी टक्कर मिल रही है।
फाजिलनगर विधानसभा सीट पर इस बार विधानसभा चुनाव काफी रोचक दिख रहा है। भाजपा छोड़कर आए स्वामी प्रसाद मौर्य पर सपा ने दांव लगाया है। उनके आने के बाद से सपा से ही लंबे समय से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी बगावती तेवर दिखाते हुए मौर्य के मुकाबले में बसपा से चुनाव मैदान में आ डटे। भाजपा ने विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बजाय उनके पुत्र सुरेंद्र कुशवाहा पर भरोसा जताया है। कांग्रेस से सुनील उर्फ मनोज सिंह उम्मीदवार हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि इस सीट पर लड़ाई रोमांचक है। ऐसे में अप्रत्याशित नतीजे आ सकते हैं। बहरहाल, सपा और भाजपा के शीर्ष नेता इस सीट को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं।