नई दिल्ली. सरकार ने खाने वाले तेल की कीमतों पर काबू पाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस सिलसिले में खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को खाद्य तेल उद्योग संगठनों और उत्पादकों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी लाने पर चर्चा की जाएगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि हम कंपनियों से वैश्विक बाजार में कीमतों में आई कमी का लाभ ग्राहकों को देने के लिए कहेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में तेल की कीमतों को काम करने के लिए कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। सरकार इस बैठक में खाद्य तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य में बदलाव करने का आदेश दे सकती है।
वैश्विक कीमतों में गिरावट के बीच खाद्य मंत्रालय का यह कदम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में कमी लाने पर चर्चा की जाएगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि हम तेल कंपनियों से दुनिया भर में तेल की कीमतों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए कहेंगे। इस बारे में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि पिछले एक महीने में खाद्य तेल की वैश्विक कीमतों में 300-450 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा बाजारों में यह कमी देर से नजर देती आती है। कीमतों को नीचे आने में समय लगता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में खुदरा कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।
पिछले दो-तीन सप्ताह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की दरों में नरमी आने लगी है। सरकार के समय पर हस्तक्षेप से खुदरा बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम होने लगी हैं। पिछले महीने कई खाद्य तेल कंपनियों ने अपनी कीमतों में 10-15 रुपये प्रति लीटर की कमी की। बता दें कि भारत अपने खाद्य तेल की आवश्यकता का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। एसईए के अनुसार, नवंबर 2020 से अक्टूबर 21 की अवधि के दौरान खाद्य तेल का आयात लगभग 131.3 लाख टन पर स्थिर रहा।