मुज़फ्फरनगर।   खतौली में दो दशक पूर्व तक नगर का नाम रोशन करने वाले पर्यटन स्थल चीतल पार्क देहरादून-दिल्ली हाईवे बाइपास निर्माण के बाद से पूरी तरह से वीरान हो गया है। अब यहां पर अस्थाई गोशाला बनाई गई है। गंगनहर के किनारे वन विभाग की ओर से चीतल पार्क की स्थापना की गई थी। पार्क में चीतल, हिरन, पांडा, खरगोश आदि जंगली जानवरों और विभिन्न नस्लों के पक्षियों को देखने के लिए टूरिस्ट की भीड़ लगी रहती थी। वन विभाग की कैंटीन में हर तरह के खाने एवं नाश्ते का सामान भी मिलता था। देहरादून और हरिद्वार से दिल्ली आने जाने वाले टूरिस्ट हमेशा यहां रुकते थे और चीतल पार्क के नाम से नगर की पहचान बन गई थी। कैंटीन के ठेके से वन विभाग को भी राजस्व मिलता था।

वर्ष 2012 में नेशनल हाईवे बाइपास निर्माण होने के बाद चीतल पार्क की रौनक ही चली गई और पार्क बंद होने के बाद यह वीरान हो गया तथा खंडहर में तब्दील हो गया है। यहां के जानवरों और पक्षियों को वन विभाग द्वारा जंगल में छुड़वा दिया गया था। चीतल पार्क बंद होने से गंगनहर पुल पर रहने वाली रौनक भी चली गई। प्रशासन ने एमडीए से मिल कर गंगनहर स्नानघाट को पिकनिक प्वाइंट बनाने की योजना तैयार की तथा एमडीए ने 40 लाख रुपये से भी अधिक धनराशि खर्च कर गंगनहर के दोनों स्नानघाट पर स्टील की रेलिंग, झूले आदि लगवाने के अलावा बड़ी हाईमास्ट लाइट भी लगवाई तथा गंगनहर की दीवारों पर भी पेंटिंग कराई गई। देखरेख के अभाव में स्टील की रेलिंग और झूले भी टूट गए। आज तक यहां शौचालयों का निर्माण भी नहीं हो सका है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यहां चीतल पार्क जैसी रौनक नहीं लौटी।

चीतल पार्क में जानवरों का बाड़ा अब भी मौजूद है। यहां प्रशासन ने अस्थाई गौशाला बनाई है और यहां बने कमरों में गोवंश के लिए चारा भरा जाता है। जिस स्थान पर कभी सैलानियों का आवागमन रहता था अब यहां पर बंदरों ने अपना डेरा जमा लिया है। चीतल पार्क में सबसे पीछे वाले भाग में वन विभाग ने गेस्ट हाऊस बना रखा था, जो आज पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इस गेस्ट हाऊस के आसपास विभिन्न प्रकार के फूल तथा गमले रखे गए थे। गेस्ट हाऊस में राजनेताओं के अलावा अधिकारी भी अपने परिवार के साथ विश्राम करते थे। यहां पर क्रिकेट के नामचीन खिलाड़ियों समेत फिल्मी हस्तियों का भी ठहराव हुआ करता था।

नगर पालिका परिषद के चेयरमैन हाजी शाहनवाज अली का कहना है कि नगर में कोई ऐसा स्थान नहीं है, जहां नगरवासी अपने परिवार समेत सुबह और शाम के समय घूमने आ जा सके। नगर में चिल्ड्रन पार्क बनाए जाने के लिए वह प्रयासरत हैं। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद अधिकारियों से बात कर इसके लिए अधिकारियों और शासन का सहयोग लिया जाएगा।