शामली। जिले की चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति कम होने से चीनी का उत्पादन भी घट गया है। पिछले दो साल में जिले की चीनी मिलों को 23.06 लाख क्विंटल गन्ना कम मिला है। कम गन्ना आपूर्ति होने से मिलों में 4.59 लाख क्विंटल चीनी कम बन पाई है।
गन्ना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले की शामली, ऊन और थानाभवन चीनी मिलों को वर्ष 2020-21 में जिले की चीनी मिलों को 355.14 लाख क्विंटल गन्ना मिला था। वर्ष 2021-22 में जिले की सभी चीनी मिलों को 332.08 लाख क्विंटल मिल पाया है। आंकड़ों के मुताबिक 332.08 लाख क्विंटल गन्ने में शामली चीनी मिल को 107.51 लाख क्विंटल गन्ना, ऊन चीनी मिल को 97.49 लाख क्विंटल गन्ना, थानाभवन चीनी मिल को 127.08 लाख क्विंटल मिल पाया है। इसी प्रकार पिछले सालों में जिले की चीनी मिलों को 23.06 लाख क्विंटल कम गन्ना मिल पाया है।
इसी प्रकार जिले की चीनी मिलों ने वर्ष 2020-21 के पेराई सत्र में 37.86 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन था। जिसमे शामली मिल ने 12.37 लाख क्विंटल चीनी, ऊन चीनी मिल 11.09 लाख क्विंटल चीनी और थानाभवन चीनी मिल 14.40 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ।
वर्ष 2021-22 के गन्ना पेराई सत्र में शामली चीनी मिल 10.22 लाख क्विंटल चीनी, ऊन चीनी मिल 10.31 लाख क्विंटल ओर चीनी थानाभवन मिल 12.74 लाख क्विंटल चीनी बना पाई है। इसी प्रकार पिछले दो सालों में 4.59 लाख क्विंटल कम चीनी का उत्पादन हुआ है।
मिलों से गन्ना भुगतान देरी से होने के कारण किसानों ने कोल्हू-क्रेशर पर गन्ना बेचा। जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह का कहना है कि पिछले दो साल में कोल्हू-क्रेशरों की संख्या बढ़ी है। जिसके चलते वहां गन्ने का रेट 315 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया। काफी किसानों ने नकद भुगतान के लिए कोल्हू-क्रेशर पर गन्ना बेचा है।
ऊन चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक अनिल कुमार अहलावत के बलरामपुर समूह की लखीमपुर खीरी की बुलगारिया चीनी मिल में गन्ना महाप्रबंधक की तैनाती हो जाने पर विदाई दी गई। इस दौरान अहलावत के छह साल के कार्यकाल की प्रशंसा की गई। इस मौके पर ऊन चीनी मिल के यूनिट हेड अवनीश कुमार चौधरी, फाइनेंस हेड विक्रम सिंह, आईटी हेड पदम सिंह, प्रोडक्शन हेड अजय शर्मा, बलराज, अरविंद कुमार त्यागी, मुकुट मणि, जितेंद्र सिंह, गन्ना विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।