मेरठ। पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके दोनों बेटे इमरान, फिरोज लग्जरी गाड़ियों का सफर करते थे। लखनऊ, इलाहाबाद से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में फ्लाइट से सफर करते थे। याकूब, इमरान तथा फिरोज को सोमवार की रात जेल के गेट पर वज्र वाहन में बैठाया। तब याकूब ने खराब तबीयत का हवाला देकर अपनी गाड़ी मंगाने की अनुमति मांगी। याकूब का कहना था कि वह अपने और पुलिस के लिए गाड़ी मुहैया करा देंगे। याकूब ने बताया कि उनके दोनों बेटों ने कभी भी बिना लग्जरी गाड़ियों के दिल्ली तक भी सफर नहीं किया। पुलिस ने अनसुना करते हुए वज्र वाहन में ही बैठाकर उन्हें प्रदेश के अन्य जिलों में शिफ्ट किया गया।
फिरोज ने पुलिस को बताया कि जन्म से अभी तक उन्होंने कभी लग्जरी गाड़ियों के बिना सफर नहीं किया। पहली बार इस तरह के वाहन में सफर कर रहे हैं। जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि याकूब और उसके बेटे के स्थानांतरण में नियमों का पालन किया गया है। उन्हें पुलिस के वाहनों में बैठा कर ही दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है। इस घटनाक्रम को गोपनीय रखा गया था, ताकि कोई भी याकूब या उनके दोनों बेटों को रास्ते में छुड़ाने का प्रयास न कर सके।
मेरठ से सोनभद्र 895 किलो मीटर है। कार से पहुंचने में 16 घंटे लगते हैं। मेरठ से सिद्धार्थनगर जाने के लिए 13 घंटे का समय लगेगा, यहां से 632 किलोमीटर है। इसी तरह से मेरठ से बलरामपुर 559 किलोमीटर है, जहां पहुंचने के लिए 11 घंटे लगते हैं। सोनभद्र से बलरामपुर 393 किलोमीटर, सोनभद्र से सिद्धार्थनगर 357 किलोमीटर और बलरामपुर से सिद्धार्थनगर 72 किलो मीटर का सफर है।
इमरान कुरैशी को बलरामपुर जेल में शिफ्ट किया गया है। इमरान कुरैशी और उसके परिवार पर खरखौदा में पहला मुकदमा एसपी देहात केशव कुमार के आदेश पर लिखा गया था। फिलहाल केशव कुमार बलरामपुर के एसपी हैं। केशव कुमार का कहना है कि इमरान कुरैशी बलरामपुर जेल में शिफ्ट हो गया है। उसकी निगरानी के लिए जेल अधीक्षक को आदेश दिए गए हैं।
याकूब, इमरान और फिरोज का प्रदेश के अन्य जिलों में स्थानांतरण होने के बाद मंगलवार को इमरान की पत्नी खुशनुमा और फिरोज की पत्नी नाजिया एसएसपी रोहित साजवाण से मिलीं। उन्होंने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए याकूब की बीमारी के कागजात भी दिखाए गए। बताया कि याकूब और उनके दोनों बेटे शांति से जेल काट रहे हैं। उसके बाद भी उन्हें बड़े अपराधियों की तरह अन्य जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। राजनीतिक षड्यंत्र के तहत घेराबंदी की जा रही है। पुलिस से मांग है कि याकूब परिवार को अन्य जिलों में शिफ्ट नहीं किया जाए।
एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि खुशनुमा और नाजिया तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सीओ को जांच दे दी गई है। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि पुलिस बेवजह किसी का भी उत्पीड़न नहीं करेगी।