उत्तराखंड में भाजपा की ओर से सीएम पद की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी ? इस सवाल का जवाब सब जानना चाहते हैं. यहां चर्चा कर दें कि पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक को अचानक दिल्ली तलब किया गया है. दोनों चार्टर प्लेन से राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गये हैं.जबकि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को शुक्रवार को अचानक पार्टी आलाकमान ने दिल्ली आने के लिए बुलावा भेजा.
भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार को
इधर उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री के चयन के लिए देहरादून में सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है. भाजपा की उत्तराखंड इकाई के प्रवक्ता शादाब शम्स ने कहा कि उत्तराखंड के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी बैठक में शामिल होने के लिए एक दिन पहले रविवार को या फिर उसी दिन देहरादून पहुंच सकते हैं.
शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को
शादाब शम्स के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को हो सकता है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना है. कुमाऊं क्षेत्र में शनिवार को होली मनाए जाने के मद्देनजर वहां की विभिन्न विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक अभी भी वहीं हैं.
भाजपा की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि इन नेताओं को अगले दो से तीन दिन में नई सरकार के गठन की संभावनाओं से अवगत करा दिया गया है और वे रविवार तक देहरादून पहुंच जाएंगे. खटीमा से हार के बावजूद पुष्कर सिंह धामी जहां मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं, वहीं चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी इस पद के दावेदारों में शामिल हैं.
भाजपा की उत्तराखंड इकाई के सूत्रों ने बताया कि धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.