शामली। इन दिनों आए दिन किसी न किसी स्थान पर किसानों के खेतों में आग लगने के कारण गेहूं से लेकर ईख और अन्य फसल जलकर खराब हो रही है। कुछ किसान जहां मुआवजे के लिए चक्कर काट रहे हैं, वहीं कुछ ने आर्थिक मदद के लिए फर्जीवाड़ा करते हुए गुहार ऊर्जा निगम के अधिकारियों के पास लगाई है। कुछ किसानों ने खेतों के ऊपर से लाइन नहीं गुजरने के बावजूद किसी अन्य की लाइन का फोटो लेकर मुआवजा मांगा है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने मामलों की जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आया। अब ऊर्जा निगम ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी फर्जीवाडे की रिपोर्ट बनाकर भेजी है।
केस-1
शामली सर्किल के रहने वाले किसान मंजूर ने ऊर्जा निगम में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसके खेत के ऊपर से गुजर रही बिजली लाइन के कारण आग लग गई और दस बीघा फसल जलकर राख हो गई। यही नहीं खेत में लगे बिजली ट्रांसफार्मर का फोटो भी एप्लीकेशन पर लगाया हुआ था। विभागीय अधिकारियों ने जांच कराई तो खेत के दो से तीन किलोमीटर तक भी लाइन नजर नहीं आई। रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेजी गई।
केस-2
18 अप्रैल को भड़ी मुस्तुफाबाद के जंगल में आग लग गई थी, जिसमें पीड़ित ने खेतों के ऊपर से जा रहे बिजली के तारों के कारण आग लगने की बात कहीं थी। जांच में सामने आया है कि किसान के आसपास के खतों से भी कोई बिजली लाइन नहीं गुजर रही। आग की घटना किसी अन्य कारण से हुई है।
केस-3
थानाभवन के सादिक ने बिजली लाइन के कारण आगजनी होने पर पांच बीघा फसल जलने की बात कहीं। आर्थिक मदद के प्रार्थना पत्र के साथ लाइन का फोटो भी अधिकारियों को भेजा गया। जांच करने पर पता चला कि फोटो किसी अन्य स्थान का है और आग बिजली लाइन के बजाए किसी अन्य कारण से लगी है।