आगरा. आगरा में परिवहन निगम के बेड़े की 580 बसों में वातानुकूलित यानी एसी बसें महज 26 हैं। इस भीषण गर्मी में दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे रूटों पर एक भी एसी बस नहीं है। यात्रियों को साधारण बसों में यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। केवल 10 रूटों पर एसी बसें हैं, उसमें भी यात्री संख्या अधिक होने से लोगों को सीट नहीं मिल पाती है। इसके बावजूद रोडवेज के अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।
कोरोना काल से पहले दिल्ली, अलीगढ़ के लिए हर घंटे पर एसी बस मिल जाती थी। अनुबंधित बसें हटाए जाने के बाद रोडवेज की पिंक और जनरथ एसी बसें ही चल रही हैं। स्कैनिया और वोल्वो बसें बंद हो चुकी हैं। अप्रैल से ही आगरा में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा चल रहा है। ऐसे में एसी बसों में सफर करने के लिए यात्रियों को ट्रेवल्स की बसों की ओर या फिर साधारण बसों की ओर रुख करना पड़ रहा है।
आईएसबीटी से वाया यमुना एक्सप्रेसवे होकर दिल्ली जाने वाली एकमात्र बस सुबह 8:30 बजे संचालित होती है। इसमें बुकिंग फुल रहती है। वाया मथुरा होकर दिल्ली जाने के लिए एक भी बस नहीं है। आईएसबीटी के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल शर्मा का कहना है कि दिल्ली के लिए एसी बसों की डिमांड ज्यादा है। अन्य रूटों पर भी एसी बसें कम हैं।
आईएसबीटी से संचालित हरिद्वार और देहरादून की चार एसी बसों में तमाम लोगों को सीटें नहीं मिल पाती हैं। इसी तरह लखनऊ, कानपुर की एकमात्र बस में भी यही हाल है। आईएसबीटी के प्रभारी चंद्रहंस बताते हैं कि हरिद्वार व देहरादून की बसों में दो माह से एक भी सीट खाली नहीं रह पाती है।
इन शहरों के लिए एक भी एसी बस नहीं
गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, नोएडा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, प्रयागराज, वाराणसी, इटावा और फर्रुखाबाद
मुरादाबाद-2
जयपुर- 4
लखनऊ-4
देहरादून-2
हरिद्वार-2
बरेली -2
साकेत कॉलोनी के पवन ने कहा कि दिल्ली जाने के लिए इतनी गर्मी में साधारण बसें हैं। ऐसे में ट्रेवल्स की एसी बसें पकड़नी पड़ती हैं। रोडवेज को राजधानी के लिए तो एसी बसें चलानी ही चाहिए। पर्यटन उद्यमी राजीव तिवारी ने कहा कि पर्यटन नगरी में रोजाना हजारों लोग ताजमहल आदि के भ्रमण के लिए पहुंचते हैं। वैसे तो अधिकांश लोग अपनी गाड़ियों से आते हैं मगर वातानुकूलित एसी बसों की उपलब्धता होनी चाहिए।