मुजफ्फरनगर। गांव काकड़ा में हुई किसान-मजदूर पंचायत में चौधरी नरेश टिकैत और राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार और नए संगठन पर जमकर निशाना साधा। दूसरी ओर इस दौरान खाप चौधरियों और थांबेदारों की ओर से पास कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें सामाजिक कुरितियों के उन्मूलन पर खास बल दिया गया।
किसान-मजदूर महापंचायत में पारित किए गए ये प्रस्ताव
1- किसान आंदोलन को स्थगित करने के बाद से सरकार और किसानों की वार्ता का क्रम टूट गया है। सरकार किसान प्रतिनिधि संगठन व संयुक्त किसान मोर्चा से वार्ता जल्द शुरू करें, ताकि एमएसपी गारंटी कानून, बिजली, एनजीटी जैसे मुद्दों पर हल निकाला जा सके।
2- किसान आंदोलन के दौरान दायर सभी मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाए और आंदोलन में शहीद हुए किसानों को उचित मुआवजा, पीड़ित परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए।
3- गांव-देहात में जमीन विवाद को लेकर आपसी झगड़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार प्राथमिकता के आधार पर अलग से समयबद्ध मामलों का निस्तारण करें।
4- दहेज हत्या और भ्रूण हत्या समाज के लिए अभिशाप है। इसकी रोकथाम के लिए और भी कड़े कानून बनाए जाएं। इन कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए खाप पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
5- बेटियों की शिक्षा सुनिश्चित कराने के लिए हर संभव प्रयास खाप पंचायतों द्वारा किया जाएगा। जिसमें आर्थिक और सामाजिक सहायता भी खाप पंचायतों की ओर से यथासंभव मदद का प्रयास किया जाएगा।
6- युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए खाप पंचायत जागरूकता अभियान चलाएंगी और इसमें स्थानीय लोगों की मदद से इसे असरदार बनाया जाएगा।
7- पर्यावरण को सुरक्षित रखना आज का सबसे महत्वपूर्ण विषय है। जल-जंगल-जमीन को उजड़ने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे ताकि हम आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ पर्यावरण दे सकें। इस महापंचायत के माध्यम से मांग की जाती है कि इस दिशा में चलाए जा रहे सभी सरकारी अभियानों को खाप पंचायतों से जोड़ा जाए।
8- किसानों की आय दोगुना करने के सरकारी वायदे को पूरा करने के साथ-साथ खाप पंचायत यह भी मांग करती है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी दर को दो गुना किया जाए।