लखनऊ।   यूपी एटीएस ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को नेपाल-भारत के सोनौली बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से दो पाकिस्तान के रहने वाले हैं जबकि एक कश्मीर का निवासी है। यूपी एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक आईएसआई के सहयोग से नेपाल सीमा से भारत में प्रवेश करने वाले हैं।

जिस पर एटीएस की फील्ड इकाई गोरखपुर ने सर्विलांस की मदद से मोहम्मद अल्ताफ भट, रावलपिंडी, सैय्यद गजनफर इस्लामाबाद और नासिर अली जम्मू एंड कश्मीर को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का मंसूबा रखते हैं और आईएसआई के सहयोग से हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप से प्रशिक्षण भी ले चुके हैं।

आतंकी मोहम्मद अल्ताफ भट ने पूछताछ में बताया कि उसका जन्म कश्मीर में हुआ था और कारगिल युद्घ के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन के एक मिलिटेंट के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया। अल्ताफ ने बताया कि वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर, पाकिस्तान का हिस्सा बने। इसी उद्देश्य से अल्ताफ ने पाकिस्तान पहुंचकर आईएसआई के निर्देशन में हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैंप में जेहादी प्रशिक्षण लिया।

उसने बताया कि पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी आईएसआई, कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय लोगों को अपनी नेटवर्क से जोड़ रहा है। अल्ताफ को एचएम के मुजाहिदों से से हिदायत मिली थी कि वो खुफिया तौर पर नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर, भारत में पहुंचें जहां उन्हें आगे के प्लान के बारे में बताया जाएगा। वह नेपाल के काठमांडू में ही नासिर से मिला जिसने अल्ताफ और गजनफर को फर्जी आधार कार्ड उपलब्ध करवाए और नासिर ने ही इन दोनों को शेख फरेंदा गांव के रास्ते भारत आने के लिए बताया था।

नासिर अली कश्मीर का रहने वाला है और वाट्स एप के जरिए इसका संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सलीम नामक व्यक्ति से हुआ। सलीम ने नासिर को बताया कि तुम्हारे मामू गजनफर के साथ एक और व्यक्ति को पाकिस्तान से भेज रहा है, जो काठमांडु, नेपाल में मिलेंगे जिन्हें लेकर उसे जम्मू-कश्मीर भारत जाना है।