मुजफ्फरनगर । बोफोर्स के मुद्दे पर केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब हुए पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने मुजफ्फरनगर जिले से ही मोर्चा खोला था। यहां तक कि जिले से ही उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस को भेजा था।
भूदान आंदोलन में अपनी विरासत की जमीन दान देकर चर्चा में आए विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। मांडा के राजा का जिले से गहरा जुड़ाव रहा। कांग्रेस हाईकमान को इस्तीफा उन्होंने मुजफ्फरनगर से ही भेजा था। 1989 के लोकसभा चुनाव में वीपी सिंह ने ही मुफ्ती मोहम्मद सईद को कांग्रेस के खिलाफ प्रत्याशी बनाया था। खुद मुफ्ती के लिए वोट भी मांगे थे।
बोफोर्स के मुद्दे पर केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब हुए पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की यादें भी जिले से जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस से बढ़ती खटपट के दौरान वीपी सिंह पश्चिम में ही अपनी राजनीति का तानाबाना भी बुन रहे थे। पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान बताते हैं कि राजीव गांधी सरकार से मंत्री पद से हटा दिए गए वीपी सिंह मुजफ्फरनगर के दौरे पर थे।
मुजफ्फरनगर से ही उन्होंने कांग्रेस को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती मोहम्मद सईद को कांग्रेस के खिलाफ अपना प्रत्याशी बनाया।
जनता दल से चुनाव लड़े सईद को 3,35,324 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार आनंद प्रकाश त्यागी को 1,76,337 वोट मिले थे। बड़े अंतर से मिली जीत के बाद सईद को गृहमंत्री बनाया गया था। बाद में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सीएम पद का दायित्व भी निभाया। कांग्रेस के पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश को उन्होंने जनता दल के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का दायित्व सौंपा।
बसपा सरकार में कैबिनेट सचिव कुतुबपुर गांव निवासी स्व. शशांक शेखर को भी आईएएस कैडर देने में बतौर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीपी सिंह ने ही पहल की थी। असल में पायलट रहे शशांक ने एक बार हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वीपी सिंह को सुरक्षित उतारा था।
पश्चिम की राजनीति में खास पहचान रखने वाले शामली के वीरेंद्र वर्मा को भी उन्होंने पंजाब का राज्यपाल बनाया था। दोनों के बीच घनिष्ठता थी।
पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का किसानों की राजधानी सिसौली और अध्यात्म के केंद्र शुकतीर्थ से गहरा नाता रहा। दिवंगत भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से उनकी निकटता रही। इसके अलावा शुक्रतीर्थ में अपनी पत्नी सीता देवी के साथ वह कई बार आए और वीतराग स्वामी कल्याण देव का आशीर्वाद लिया।